मंडी :
हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष एनआर ठाकुर ने विभाग द्वारा प्रमोशन देने के बाद मंडी जोनल अस्पताल से रिलीव करने और बिलासपुर में ज्वाइनिंग के आदेश दिए जाने के खिलाफ मंडी सीएमओ को कानूनी नोटिस थमा दिया है।
मंडी अस्पताल में हेल्थ एजुकेटर रहे एनआर ठाकुर ने इस संबंध में डॉ. जीवानंद चौहान को अपने वकील के माध्यम से कानूनी नोटिस भेजा है। महासंघ के प्रदेशध्यक्ष एनआर ठाकुर ने आरोप लगाया है कि डॉ. जीवानंद चौहान ने उनकी प्रमोशन पर जल्दबाजी, हड़बड़ाहट और सेवा नियमों को नजर अंदाज करते हुए रातों-रात बिलासुपर ज्वाइन करने के आदेश थमा दिए, क्योंकि 3 जनवरी को एनआर ठाकुर पूरा दिन ड्यूटी पर रहे तब तो उन्हें आदेश नहीं दिये गये, लेकिन 6 जनवरी को जब वह डयूटी पर आये तो उन्हें कहा गया कि 3 तारीख से ही रिलीव कर दिया गया है।
प्रमोशन लेना या न लेना एक कर्मचारी का व्यक्तिगत विशेषाधिकार है। इस बारे में ठाकुर ने उच्चाधिकारियों से 4 जनवरी को एक पत्र लिखकर ज्वाइन करने का कुछ समय मांगा था जो डॉ. जीवानंद चौहान के संज्ञान में था। बावजूद इसके एनआर ठाकुर को पिछली तारीख से ही रिलीव कर दिया गया। ठाकुर ने कहा कि सीएमओ ने यह कार्रवाई बदले की भावना से की है। डॉ. जीवानंद चौहान का रवैया उनके साथ पक्षपात व दुर्भावानापूर्ण रहा है। उन्होंने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करके एक कर्मचारी के मौलिक अधिकारों का हनन किया है।
ठाकुर प्रमोशन लेते हैं तो महासंघ की राजनीति से होंगे आउट
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष एनआर ठाकुर यदि प्रमोशन ले लेते हैं तो अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की राजनीति से आउट हो जाएंगे। इसलिए उनकी प्रमोशन पर ही राजनीति टिकी हुई है। सूत्रों के मुताबिक मौजूदा कर्मचारी महासंघ तीन धड़ों में बंटा हुआ है। दो धड़े चाह रहे हैं कि एनआर ठाकुर के प्रमोशन लेने से ही उनका रास्ता साफ हो जाएगा। फिलहाल तो एनआर ठाकुर कर्मचारी राजनीति को छोडऩे वाले नहीं है और न ही प्रमोशन लेते दिखाई दे रहे हैं। जिससे महासंघ की राजनीति में वह बने रह सकते हैं।
विभागीय आदेशों के कारण ही एनआर ठाकुर को रिलीव किया गया है। मुझे नोटिस नहीं मिला है। यदि कोई कानूनी नोटिस आएगा तो कानूनी दायरे में ही जवाब दिया जाएगा। प्रमोशन लेना उनका अपना अधिकार है। विभाग के आदेशों का पालन करना उनका कत्र्तव्य है। जिसे उन्होंने निभाया है। अन्य आरोप जो ठाकुर ने लगाए हैं वे सभी बेबुनियाद हैं।
-डॉ. जीवानंद चौहान सीएमओ मंडी