हिमाचल दस्तक। स्यांज/गोहर
प्रदेश भर में कार्यरत 1100 से अधिक आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट उनकी वेतन विसंगति को दूर करने की मांग को पूरा न किए जाने से ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट को 2012 में लागू वेतन आयोग में भी हाशिए पर रखा गया था और 2022 में लागू वेतन आयोग में भी इनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया है।
आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट वर्ग का कहना कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुऱ से उन्हें बहुत उम्मीदें थीं कि उनके कार्यकाल में उनके वर्ग के साथ सौतेला व्यवहार नहीं किया जाएगा और स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एलोपैथिक फार्मासिस्ट के समान वेतनमान दिया जाएगा।
हालांकि इस मांग को लेकर सैंकड़ों बार मुख्यमंत्री से मिले और मुख्यमंत्री ने कहा था जिस प्रकार टीजीटी आट्र्स और सार्इंस एक समान वेतन लेते हैं, उसी प्रकार आपकी मांग तर्कसंगत है। फार्मासिस्टों का कहना है कि सरकार का कार्यकाल पूरा होने को एक महीने का समय शेष रह गया है और उनकी मांग पर कोई कार्यवाही ना होने से आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट बहुत व्यथित है।