शकील कुरैशी। शिमला
हिमाचल प्रदेश में लंपी वायरस तेजी के साथ फैल चुका है और महामारी का रूप धारण कर चुका है। हैरानी इस बात की है कि अब तक 624 मवेशी मर चुके हैं मगर उनके मरने पर कोई मुआवजा लोगों को नहीं मिल पाया है। हालांकि पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने एलान किया था कि आपदा प्रबंधन के माध्यम से दुधारू पशु की मौत पर 30 हजार रूपए की राशि दी जाएगी। यह आंकड़ा सामने नहीं आ पाया है कि कितनों को मुआवजा मिला क्योंकि आपदा प्रबंधन इस मामले में पूरी तरह से इन्कार कर चुका है।
अहम बात यह है कि पशुपालन विभाग ने अपने स्तर पर लंपी वायरस को महामारी बता दिया मगर आपदा प्रबंधन की ओर से इसपर कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई। जब तक आपदा प्रबंधन की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी नहीं होती और जिलाधीशों को निर्देश नहीं दिए जाते तब तक किसी को मुआवजा भी नहीं मिल सकता। यही सब फील्ड में हो रहा है क्योंकि सरकारी घोषणा के अनुरूप पैसे की डिमांड करने पर लोगों को मुआवजा नहीं मिल पा रहा है।
सूत्रों के अनुसार आपदा प्रबंधन विभाग ने इसपर चर्चा शुरू कर दी है और शनिवार को फाइल भी मांगी गई है। क्योंकि उनको अभी तक पशुपालन महकमे से कोई प्रस्ताव ही नहीं पहुंचा है लिहाजा यह विभाग अभी इस मामले में उच्चाधिकारियों से बात करेगा। इसके बाद महामारी घोषित किए जाने को लेकर आगे कार्रवाई की जाएगी।
बहरहाल आंकड़ों की बात करें तो 624 मवेशी अभी तक मर चुके हैं। 26901 पशु इस बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं। 9 जिलों में लंपी वायरस पशुओं में फैला हुआ है और लगातार मौतें हो रही हैं। अभी केवल जनजातीय जिलों में यह महामारी नहीं है क्योंकि वहां पर मौसम ठंडा होता है। इस बीमारी का सबसे बड़ा प्रभाव ऊना जिला में है जहां पर अत्यधिक गर्म वातावरण है।
पशुपालन विभाग की मानें तो 59 हजार 094 पशुओं को अब तक इंजेक्शन लगाया जा चुका है जिसके बाद 19461 एक्टिव केस सामने हैं और 6636 पशु इस बीमारी से रिकवर कर चुके हैं।पशुपालन विभाग के सचिव डा.अजय शर्मा की मानें तो लंपी वायरस के खिलाफ विभाग प्रयास कर रहा है और वैक्सीन पूरी तरह से उपलब्ध है।
जिलों से डिमांड पर वैक्सीन दी जा रही है जिसकी कोई कमी नहीं। मगर दूसरी तरफ आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक सुदेश कुमार मोखटा की मानें तो अब तक लंपी वायरस को अब तक महामारी घोषित नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में कोई पत्राचार नहीं हुआ है लिहाजा आपदा प्रबंधन से मुआवजा राशि कैसे दी जा सकती है। जब तक प्रावधान नहीं होगा तब तक पैसा नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस मामले को अब देखा जा रहा है क्योंकि लगातार डिमांड आ रही है।
इसलिए जल्दी ही इसे महामारी घोषित किया जा सकता है।बहरहाल लोगों के लाखों रूपए के मवेशी इस बीमारी की चपेट में आ गए हैं जिनको अब तक सरकार की ओर से कुछ नहीं मिला। उधर वैक्सीन को लेकर भी कहा जा रहा है कि इसका कोई ज्यादा असर नहीं है।