वर्ष 2020-21 की रिपोर्ट जारी, फाइनल रिपोर्ट नवंबर में आएगी, फॉरेस्ट कवर के बदले टैक्स आवंटन बढ़ाकर 10 फीसदी किया
राजेश मंढोत्रा। शिमला
बढ़ते सैलरी बिल और कर्ज के बीच 15वें वित्तायोग ने हिमाचल को बड़ी राहत दी है। ये राहत इतनी बड़ी है कि अगले पांच साल के लिए राज्य सरकार को कर्मचारियों के वेतन की चिंता दूर हो गई है। वित्तायोग ने वर्ष 2020-21 की अंतरिम रिपोर्ट में राज्य के लिए राजस्व घाटा अनुदान यानी रेवेन्यू डेफेसिट ग्रांट को 45 फीसदी बढ़ा दिया है।
इस ग्रांट के वर्ष 2020 से खत्म होने का खतरा था। यही नहीं, तीन और बड़ी सौगातें ये हैं कि वित्तायोग ने जिला परिषद और बीडीसी का बजट बहाल कर दिया है। 14वें वित्तायोग ने इसे पिछले पांच साल के लिए बंद कर दिया था और केवल पंचायतों को ही सीधे धनराशि ट्रांसफर हो रही थी। इसके साथ ही स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड के तौर पर मिलने वाली राहत राशि मे करीब 40 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इससे राज्य को हर साल करीब 450 करोड़ मिलेंगे।
राज्य सरकार की मांग को स्वीकार करते हुए वित्तायोग ने राज्य के जंगलों के बदले टैक्स आवंटन में राज्य के हिस्से को साढ़े सात फीसदी से बढ़ाकर अब 10 फीसदी कर दिया है। ये बढ़ोतरी फॉरेस्ट कवर के बदले मुआवजे के तौर पर रहेगी। राज्य में ग्रीन फेलिंग पर बैन के कारण पेड़ काटने पर प्रतिबंध है।
वर्ष 2020-21 के लिए जारी इस रिपोर्ट में हिमाचल के पड़ोसी राज्यों में से किसी को भी इतनी बढ़ोतरी नहीं मिली है, जितनी राज्य के लिए है। इसकी दो वजहें दिख रही हैं। एक तो जैसा कि इस रिपोर्ट में भी कहा गया है कि हिमाचल ने सेक्टर वाइज प्रेजेंटेशन वित्तायोग के सामने रखी और अपनी जरूरतों और कमाई की सही प्रस्तुति दी। और दूसरा वित्तायोग के सचिव हिमाचल कैडर के आईएएस अधिकारी अरविंद मेहता हैं। मेहता नवंबर में रिटायर हो रहे हैं और इससे पहले वह फाइनल रिपोर्ट देकर जाएंगे।
मुख्यमंत्री जयराम ने ये कहा था वित्तायोग से
15वें वित्तायोग के चेयरमैन प्रो. एनके सिंह की अगुआई में आयोग 27 सितंबर 2018 को राज्य के तीन दिन के दौरे पर आया था। पीटरहाफ में वित्तायोग से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल रेवन्यू डेफेसिट स्टेट है और विकास कार्यों के लिए लोन लेना पड़ता है। उन्होंने इसके लिए ग्रांट बढ़ाने को कहा था। साथ ही बंदरों के आतंक को कम करने और राज्य में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने के लिए अलग ग्रांट मांगी थी। इन दोनों मसलों का उल्लेख अंतरिम रिपोर्ट में नहीं है, लेकिन रेवन्यू डेफेसिट ग्रांट की बात आयोग ने मान ली।
इसलिए जरूरी है राजस्व घाटा अनुदान
कुल कमाई 33,747 करोड़
कुल खर्चे 36,089 करोड़
कुल राजस्व घाटा 2,342 करोड़
राजकोषीय घाटा 7,352 करोड़
शुद्ध ऋण सीमा 5,068 करोड़
अब तक लिया ऋण 4000 करोड़
वर्ष 2019-20 के बजट के आंकड़े।