कर्मचारी चयन आयोग का काम केवल विभागों द्वारा भेजी गई मांग पर अमल करना है न कि रिक्त पद को भरने से इंकार करना। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने चयन आयोग की भूमिका को स्पष्ट करते हुए आयोग द्वारा जारी पोस्ट कोड 990 के लिए जारी 24 मई 2022 के विज्ञापन को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने मामले का निपटारा करते हुए कहा कि यह आयोग की चिंता का विषय नहीं है कि किसी का चयन रोकने से क्या कठिनाई उत्पन्न हो सकती है या क्या परिणाम हो सकते हैं। इतना ही नहीं आयोग प्रामाणिक कारण होने पर भी उन रिक्तियों को भरने से इंकार नहीं कर सकता जिनके लिए विभाग ने आयोग से योग्य उम्मीदवारों की मांग की हो।
आयोग केवल संबंधित विभाग से स्पष्टीकरण मांग सकता है। मामले के अनुसार प्रार्थी ने महिला और बाल कल्याण विभाग में स्टेटिस्टिकल असिस्टेंट के पद के लिए आयोग द्वारा 19 दिसंबर 2020 के विज्ञापन के अनुसार आवेदन किया था। 27 दिसम्बर 2021 को अंतिम परिणाम निकाला गया और प्रार्थी को प्रतीक्षा सूची में नम्बर एक पर रखा गया।
19 मई 2022 को प्रार्थी ने आयोग से आग्रह किया कि उसके नाम की अनुशंसा भूमि अभिलेख विभाग में रिक्त पड़े स्टेटिस्टिकल असिस्टेंट के पद के लिए किया जाए। आयोग ने ऐसा न कर 24 मई 2022 को पोस्ट कोड 990 का विज्ञापन जारी कर नए सिरे से आवेदन आमंत्रित कर दिए। कोर्ट ने इस विज्ञापन को गैरकानूनी पाते हुए रद्द कर दिया और आयोग को आदेश दिए कि वह नियुक्ति के लिए प्रार्थी के नाम की सिफारिश 6 सप्ताह के भीतर करे।