राज्य सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश को टैक्स बढ़ाने के लिए कहा
पर्यटक साथ ला रहे हैं शराब, राज्य को हो रहा इसका नुकसान
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
हिमाचल के पड़ोसी केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में बिकने वाली सस्ती शराब पर राज्य सरकार ने नाराजगी जताई है। प्रदेश सरकार की तरफ से केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक को लिखे पत्र में शराब के प्रति बोतल दाम और आबकारी शुल्क कम वसूले जाने पर आपत्ति जताई गई है। प्रधान सचिव आबकारी एवं कराधान संजय कुंडू ने इस बारे में पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि चंडीगढ़ और हिमाचल में बिकने वाली शराब की एक बोतल के दाम में 140 रुपये से 595 रुपये तक का अंतर है।
इतना ही नहीं, शराब पर लगने वाला आबकारी शुल्क भी प्रदेश के मुकाबले 11 रुपये से लेकर 14 रुपये कम है। इस कारण सीमावर्ती क्षेत्र में अवैध कारोबार के अलावा यहां घूमने आने वाले कई सैलानी भी प्रदेश की बजाए चंडीगढ़ से ही शराब साथ लेकर आते हैं। शराब के दाम में इतने बढ़े अंतर को देखते हुए प्रदेश सरकार हरकत में आई गई है। पत्र में यह भी कहा गया है कि गत 20 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई नार्थ जोन काउंसिल की बैठक में यह मामला उठाया गया था, लेकिन उसके बावजूद स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि शराब के प्रमुख 6 ब्रांडों के दाम में अंतर में 140 रुपये से 595 रुपये का अंतर है। बलेंडर प्राइड चंडीगढ़ में 600 रुपये तथा हिमाचल प्रदेश में 815 रुपए का अंतर है। इसके अलावा रॉयल स्टैग दाम 430 रुपये की अपेक्षा 570 रुपये, मैकडानाल्ड नंबर-1 दाम 320 रुपये की अपेक्षा 510 रुपये, 100 पाइपर दाम 1,100 रुपये की अपेक्षा 1,695 रुपये, जॉनी वॉकर 2,200 की अपेक्षा 3,450 और चिवास रीगल 2,200 रुपये की अपेक्षा 3,400 रुपये का अंतर है।
प्रधान सचिव आबकारी एवं कराधान संजय कुंडू ने बताया कि चंडीगढ़ के प्रशासक से यह मामला उठाया गया है। उन्होंने कहा कि शराब के दाम में अंतर होने से इसके अवैध कारोबार को बढ़ावा मिलने के अलावा प्रदेश के राजस्व को भी नुकसान हो रहा है। हालांकि आबकारी एवं कराधान से होने वाले राजस्व में गत वर्ष 1,425 करोड़ रुपये की अपेक्षा 1,580 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है।