ज्वाली। रतिक्ष कुमार
हिमाचल प्रदेश फार्मासिस्ट संघ की बैठक रविवार को वर्चुअल माध्यम से की गई। जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से पदाधिकारियों एवं फार्मासिस्टों ने बैठक में भाग लिया। बैठक में कई ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की गई व उन मुद्दों के समाधान के माननीय मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री के सामने जल्द ही रखा जाएगा।
गौरतलब है कि फार्मासिस्ट वर्ग अन्य कर्मचारियों की तरह स्वास्थ्य विभाग में हर कार्य को बखूबी से निभा रहा है। परंतु उसे मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है। जैसे कि फार्मेसी अलाउंस, कोरोना काल में फार्मासिस्ट अपने कार्य के इलावा जो भी कार्य अधिकारियों द्वारा दिया गया। उसे पूर्ण इमानदारी से उनके द्वारा किया गया।
कोरोना काल में एक जगह से दूसरी जगह तक समान पहुंचाने के लिए कुली तक का कार्य किया। इस वर्ग ने चाहे करोना के सैंपल लेने हो चाहे मरीज को रेफर करना हो या उसके घर पर दवाई पहुंचाने हो।या अन्य कोई भी सहायता कोरोना काल में मरीजों ने मांगी हो। इस वर्ग बिना अपनी जान की परवाह किए उसे पूरा किया है तथा आगे भी इस वर्ग ने निर्णय लिया है कि इस संकट की घड़ी में सरकार जो भी दायित्व देगी उसे पूर्ण ईमानदारी से निभाएंगे। बैठक में सभी फार्मासिस्टों ने सरकार से मांग रखी कि अन्य प्रदेशों की तरह शीघ्र अति शीघ्र पदनाम बदला जाए।
जैसे पंजाब,हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड में फार्मेसी ऑफिसर, चीफ फार्मेसी ऑफिसर रखा गया है। इस बैठक में मंडी से प्रदेश अध्यक्ष चमन ठाकुर जी, प्रदेश सचिव कृष्ण जी, कुल्लू से डी.डी. शुक्ला चीफ फार्मासिस्ट, हमीपुर से वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपन शर्मा जी, पुर से प्रदेश कॉन्ट्रैक्ट फार्मासिस्ट अध्यक्ष सुरेंद्र नड्डा , जिला ऊना से राजेश धीमान , कांगड़ा से जिला प्रधान भारत भूषण, सत्येंद्र चौधरी चंबा से उमेश सोलन से शिवानी ठाकुर, अमित कुमार पूजा, परवेश, शिमला से प्रदेश महासचिव मनोज शर्मा जी व अन्य बहुत से प्रदेश के विभिन्न स्थानों से फार्मासिस्ट इस वर्चुअल बैठक में उपस्थित रहे।