शिमला।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्रीय बजट को आकांक्षी भारत, आर्थिक विकास और सामाजिक समरसता के 3 विचारों पर आधारित ऐतिहासिक दस्तावेज बताते हुए इसकी सराहना की है। इस बजट से समाज के सभी वर्गों की आशाएं और आकाक्षाएं पूर्ण होंगी।
मुख्यमंत्री ने केंद्र से राज्य को होने वाले टैक्स आवंटन में 33 फीसदी बढ़ोतरी करने के लिए मोदी सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे राज्य के विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने व्यक्तिगत आयकर के सरलीकरण के प्रस्ताव की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत आयकर अब तक की सबसे कम दरों पर प्रस्तावित किया गया है। मुख्यमंत्री ने बजट में किसानों की आय को बढ़ाने के लिए 16 व्यवहार्य प्रस्तावों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की 90 प्रतिशत जनता ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है और कृषि उनका मुख्य व्यवसाय है, इसलिए यह 16 प्रस्ताव राज्य के किसानों की आर्थिकी को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। इससेे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों का विकास होगा, बल्कि इससे किसानों, बेरोजगार युवाओं और आम आदमी का आर्थिक विकास भी सुनिश्चित होगा।
उन्होंने कहा कि बजट में नई शिक्षा नीति से राष्ट्र को विश्व गुरु के रूप में अपनी पुरानी ख्याति को पुन: प्राप्त करने में मदद मिलेगी। शिक्षा के क्षेत्र के लिए बजट में 99312 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि गरीब छात्रों को ऑनलाइन माध्यम से डिग्री प्रदान करने के प्रस्ताव से समाज के वंचित वर्गों के छात्रों को बिना किसी बाधा के उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस सेल से हिमाचल को लाभ होगा
मुख्यमंत्री ने राज्य स्तर पर बिना किसी विलंब के निवेश को आकर्षित करने के लिए इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस सेल के गठन के प्रस्ताव की भी सराहना की। इससे सरकार के राज्य में अधिक निवेश आकर्षित करने के प्रयासों को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भावी उद्यमियों के साथ एक लाख करोड़ के समझौता ज्ञापनों पर पहले ही हस्ताक्षर किए हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में भारतनेट कार्यक्रम के लिए 6 हजार करोड़ का आवंटन करने से राज्य सरकार को बहुत मदद मिलेगी।