- होटलों पर भी निगरानी बढ़ेगी नहीं आ रहा पूरा टैक्स
- मुख्य सचिव ने टैक्स कलेक्शन की समीक्षा बैठक की
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : मुख्य सचिव राजस्व डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी राजस्व में सुधार लाने के बारे में बैठक ली।
उन्होंने कहा कि हिमाचल एक छोटा पहाड़ी प्रदेश है और यहां की अर्थव्यवस्था विकासशील है। राज्य सरकार प्रदेश में जीएसटी के सही क्रियान्वयन के लिए प्रयास कर रही है तथा जीएसटी राजस्व और कर संग्रह में सुधार के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं।जीएसटी राजस्व को बढ़ाने की दिशा में उन्होंने अधिकारियों को टैक्स रिटर्न फाइलिंग को 75 प्रतिशत से 95 प्रतिशत तक बढ़ाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जीएसटी राजस्व में सुधार लाने के लिए विशेष अभियान आरंभ किया जाना चाहिए। उन्होंने क्षेत्रीय अधिकारियों को 30 नवंबर, 2019 तक वर्तमान 75 प्रतिशत टैक्स रिटर्न सीमा में और बढ़ोतरी लाने के निर्देश दिए। डॉ. बाल्दी ने अधिकारियों को जीएसटी पंजीकरण की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि होटलों और होम स्टे को टैक्स के दायरे में लाने के लिए एक विशेष अभियान आरंभ किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को उपभोक्ताओं द्वारा पेट्रोल और डीजल के इस्तेमाल के लिए सी फार्म के प्रावधान को हटाने के निर्देश दिए। प्रदेश में वाहनों की खरीद में बढ़ोतरी लाने के उद्देश्य से राज्य में वाहन क्रय करने पर एसजीएसटी के अंतर्गत के कुछ हिस्से की प्रतिपूर्ति ग्राहक को वापस करना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि वाहनों की बिक्री के लिए एसजीएसटी टैक्स की प्रतिपूर्ति दुकानदारों द्वारा ग्राहकों को छूट उपलब्ध करवाने की शर्त पर दी जाएगी।
प्री-जीएसटी, वैट के मामलों के लिए सेटलमेंट स्कीम
मुख्य सचिव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सेटलमेंट योजना प्री-जीएसटी रिजीम और वैट रिजीम विरासत के मामलों के लिए प्रस्तावित की गई है। जीएसटी काउंसिल ने इसे प्रस्तावित किया है, इसे हिमाचल अपनाएगा।
उन्होंने अधिकारियों को जीएसटी राजस्व में सुधार लाने के उद्देश्य से वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों व विशेषज्ञों की बैठक आयोजित करने के भी निर्देश दिए। प्रधान सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।
कब कितना जीएसटी आया
- वर्ष 2017-18 2497.20 करोड़
- वर्ष 2018-19 3456.98 करोड़
- वर्ष 2019-20 1828.10 करोड़