खेमराज शर्मा : शिमला
होशियार सिंह हत्या मामले में वन विभाग के जांच अधिकारी ने चार साल बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। जिस डिप्टी रेंजर के खिलाफ विभागीय जांच की गई है उसमें उसे क्लीन चिट दी गई है, जबकि सीबीआई की शिमला स्थित स्पेशल कोर्ट में वन अधिकारी डिप्टी रेंजर के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। सीबीआई यहां पर चार्ज शीट भी दायर कर चुकी है। ऐसे में अब कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद विभाग और सरकार आगामी निर्णय लेंगे। उक्त वन विभाग का डिप्टी रेंजर सेवा में बहाल होकर प्रमोशन भी ले चुका है। अब यहां पर जांच अधिकारी की जांच रिपोर्ट भी सवालों के घेरे में आ गई है।
उल्लेखनीय है कि मंडी की कतांडा बीट में अवैध कटान के मामले में वन रक्षक होशियार सिंह की मौत हुई थी। जनता का कहना था कि होशियार सिंह की हत्या की गई, लेकिन बाद में जांच में पाया गया कि उसने सुसाइड किया है। होशियार सिंह ने अपनी डायरी में सारा घटनाक्रम लिखा था कि कैसे अवैध कटान हो रहा है और उच्च अधिकारी कोई एक्शन नहीं ले रहे हैं। होशियार सिंह डेथ मामला जून 2017 का है। उस समय हिमाचल प्रदेश में वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली सरकार थी। इस घटनाक्रम ने सारे हिमाचल को दहला दिया था। होशियार सिंह अपनी दादी का इकलौता सहारा था।
जांच अधिकारी था बेखबर
यह बात भी निकल कर सामने आई है कि वन विभाग ने जिस आईएफएस अधिकारी को विभागीय जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी, उसे पता ही नहीं था कि उसे जांच भी करनी है, जब सचिवालय से फाइल को घुमाया गया तो तब जाकर अधिकारी को पता चला। और अधिकारियों की और से उसे 2 माह के भीतर जांच पूरी करने को कहा गया। जिसके बाद पिछले साल दिसंबर में होशियार सिंह हत्या मामले की जांच सरकार को सौंपी।