मुख्यमंत्री बोले, जन शिकायतों के प्रति ऐसा लापरवाह रवैया नहीं चलेगा
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
सीएम हेल्पलाइन पर आई एक शिकायत के प्रति लापरवाही दिखाने के लिए सरकार ने तीन अधिकारियों पर कार्रवाई की है। इनसे पूछा गया है कि कारण बताएं कि ये लापरवाही क्यों की गई? ये शिकायत नगर परिषद मंडी की किसी एक गली से संबंधित थी, जहां नाली में गंदा पानी की बात कही गई थी।
सीएम हेल्पलाइन 1100 के जरिये मिली ये शिकायत पहले ग्रामीण विकास विभाग को गई और फिर वहां से लौटा दी गई कि मसला शहरी विकास विभाग का है। लेकिन मंडी नगर परिषद के जेई ने तय समय पर इसे देखा नहीं। इससे शिकायत लेवल टू पर ईओ को चली गई। वहां भी नहीं देखी गई तो अतिरिक्त निदेशक शहरी विकास के पास शिमला आई और कुछ निर्देश दिए गए, लेकिन मसला फिर हल नहीं हुआ। संबंधित व्यक्ति ने दोबारा सीएम को ये शिकायत की, तब मामला ध्यान में आया।
वीरवार को जब सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा करने मुख्यमंत्री आए तो उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही नहीं चलेगी और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर आने वाली सभी शिकायतों के समाधान को शीर्ष प्राथमिकता देने के लिए पूर्ण समर्पण और निष्ठा से कार्य करें। इस मामले में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और चूककर्ता के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन समस्याओं के समाधान से जुड़ी सकारात्मक कहानियों को विशिष्ट रूप से दर्शाया जाना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोगों को अपने विभिन्न विषयों के समाधान के लिए इस मंच का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उनके स्तर पर समस्याओं का निवारण निर्धारित समय में किया जाए, ताकि शिकायतकर्ताओं को राहत प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ताओं की पूर्ण संतुष्टि के उपरांत ही शिकायतों और समस्याओं पर कार्रवाई बंद की जानी चाहिए और शिकायत कर्ताओं की संतुष्टि के बिना कार्रवाई बंद करने के मामले को गंभीरता से लिया जाएगा।
उन्होंने विभिन्न विभागों से आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के लिए कहा, ताकि शिकायतों का उचित एवं समयबद्ध निपटारा हो सके। उन्होंने लोगों की सुविधा के लिए प्रक्रिया के सरलीकरण पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की प्रगति की नियमित निगरानी करेंगे और समय-समय पर शिकायतकर्ताओं से भी बातचीत करेंगे, ताकि उनकी संतुष्टि के स्तर के बारे में पता चल सके। प्रधान सचिव आईटी जेसी शर्मा ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि अभी तक मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन 1100 पर 205111 कॉल्स प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 50887 शिकायतें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बीते चार महीनों की अवधि में इनमें से 44210 शिकायतों का समाधान कर लिया गया है।
निदेशक आईटी रोहन ठाकुर ने एक प्रस्तुति दी। मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा, पुलिस महानिदेशक एसआर मरडी, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन अजय कुमार, सचिव डॉ. आरएन बत्ता, निदेशक पर्यटन यूनुस, विशेष सचिव हेमराज बैरवा एवं आबिद हुसैन सादिक, निदेशक शहरी विकास आरके गौतम, राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के महाप्रबंधक जेपी काल्टा, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. अजय गुप्ता, निदेशक चिकित्सा शिक्षा रवि शर्मा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
जनमंच की शिकायतें भी हेल्पलाइन से जुड़ेंगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनमंच और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के एकीकरण की संभावनाएं तलाश की जाएंगी, ताकि जन समस्याओं के समाधान की प्रणाली को अधिक कारगर और परिणाम उन्मुख बनाया जा सके। जयराम ने कहा कि जनमंच से प्राप्त सभी शिकायतों को मुख्यमंत्री हेल्पलाइन को स्थानांतरित किया जाएगा, ताकि इनकी प्रभावी निगरानी सुनिश्चित हो सके और शिकायतों का शीघ्र समाधान हो सके। वर्तमान में मुख्यमंत्री कार्यालय को प्राप्त हो रही सभी शिकायतों को मुख्यमंत्री हेल्पलाईन पर दर्शाया जा रहा है और इनका शीघ्र निपटारा सुनिश्चित किया जा रहा है।
हेल्पलाइन की ट्रेनिंग को गुजरात जाएंगे अफसर
सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन को और प्रभावकारी बनाने के उद्देश्य से शीघ्र ही एक कमांड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया जाएगा। इसी प्रकार मुख्यमंत्री डैश बोर्ड को भी शीघ्र स्थापित किया जाएगा और इसे अधिक प्रभावपूर्ण बनाने के लिए गुजरात के मॉडल के अध्ययन के लिए अधिकारियों का एक दल गुजरात का दौरा करेगा। यह सेवा प्रदेश के लोगों की समस्याओं के तीव्र समाधान के लिए एक वरदान साबित होगी। जयराम ने कहा कि मुख्यमंत्री डैश बोर्ड के आरंभ होने से वह स्वयं विभिन्न शिकायतों और समस्याओं तथा उनके समाधान के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।