शिमला:
राज्य परिवहन निगम कर्मचारी संगठनों में टकराव बढ़ता जा रहा है। हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने कर्मचारी नेता शंकर सिंह की पदोन्नति पर सवाल उठाए हैं और आरोप लगाए हैं कि कर्मचारी नेता पर विभिन्न अदालतों में मुकदमे चल रहे हैं।
ऐसे में कैसे पदोन्नति हो रही है? समिति अध्यक्ष सत्य प्रकाश, सचिव विद्यासागर एवं अन्य पदाधिकारी उमेश शर्मा, हरी लाल, यशपाल, मानसिंह, बाल कृष्ण, हितेंद्र कंवर, गोपाल लाल, नानक शांडिल, संजय कुमार, अनिल कुमार, हरदयाल सिंह, रफ ीक मोहम्मद, राजेंद्र ठाकुर, पूर्ण चंद और मेघ राम ने संयुक्त बयान से कहा है कि एचआरटीसी प्रबंधन में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। जो कर्मचारी इमानदारी से अपना कार्य कर रहे हैं उन्हें समय पर पदोन्नति नहीं मिल रही है, जबकि कुछ अधिकारी नियमों के विपरीत कार्य कर एक परिचालक को पदोन्नति करने के लिए अनेकों प्रकार के षड्यंत्र कर रहे हैं जोकि पूर्णतया कानून की अवहेलना है।
यह वही शंकर दास है जो पूर्व में कई वर्षों से सरकारों एवं परिवहन निगम के कुछ अधिकारियों के खिलाफ ब्यानबाजी करता रहा है। जबकि उसके खिलाफ विभिन्न अदालतों में भी मुकदमे चल रहे हैं और जिस कारण उसकी पदोन्नति नहीं हो सकती। कर्मचारी संगठन ने कहा है कि परिवहन निगम में 270 चालक ऐसे हैं, जिनकी पदोन्नति छोटी सी गलती से रूकी पड़ी है। निगम ने उन्हें अभी तक नियमित नहीं किया है तथा एक व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से रिव्यू डीपीसी गठित की गई है जो कि किसी भी प्रकार से तर्कसंगत नहीं है।
समिति ने प्रबंधन को चेताया
समन्वय समिति अधिकारियों को आगाह किया है कि यदि नियमों के विपरीत उक्त परिचालक को पदोन्नत किया गया तो उन अधिकारियों के खिलाफ समिति व्यक्तिगत कानूनी कार्यवाही तो सुनिश्चित करवाएगी ही और यदि आवश्यकता हुई तो परिवहन निगम के कर्मचारी आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
क्या बोले शंकर सिंह ठाकुर?
आरोपों पर शंकर सिंह ठाकुर का कहना है कि पदोन्नति समिति सरकार व निगम ने गठित की है। जिसमें उच्च अधिकारी भी शामिल हैं। उन्होंने कुछ सोच समझ कर ही निर्णय लिया है। वहीं जहां तक बात है एफआईआर की तो एचआरटीसी में कई अधिकारियों पर हेराफेरी के मामले दर्ज हैं उन्हें भी पदोन्नति मिली है।