शैलेश सैनी। नाहन
एक बाप की हैवानियत और पति की दरिंदगी का काला सच सामने आया है। कैंसर के रोग से लड़ रही संचिता ठाकुर के दो मासूम बच्चे स्कूल छोड़कर अब बाप की करनी की वजह से मजदूरी करने पर मजबूर हो गए
हाल ही में इस बाप ने हैवानियत की तमाम हदों को लांघते हुए अपनी पत्नी को बदनाम करने के लिए ऐसा षड्यंत्र रचा जिसके बाद एक मां समाज में बदनाम हो गई तो बच्चे अपने बाप के इस खौफनाक इरादों के बाद डरे और सहमे हुए हैं। मामला सिरमौर जिले के ददाहू क्षेत्र का है।
असल में जिस रात को कथित बाप के द्वारा यह वीडियो पुलिस बुलाकर शूट किया गया था उस रात की कहानी कुछ और है। संचिता के 17 साल के मासूम बेटे राघव ने रोते हुए बताया कि उस रात ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था।
राघव का कहना है कि उसकी मां की दवाई खत्म हो चुकी थी और शाम के समय से ही मां की तबीयत बहुत ज्यादा खराब होने लग पड़ी थी। शक्की पति ने पहले से ही अपनी पत्नी और दोनों मासूम बच्चों को घर से बाहर निकाल रखा था। मासूम दर्द से तड़पती मां को देखकर इस सोच में थे कि करें तो करें क्या। मां अपने बड़े बेटे अंशुल ठाकुर की गोद में सर रखकर लेटे हुए थे।
छोटे बेटे ने बताया कि जिस रात की एक घटना है उस रात उनके घर में खाने को भी कुछ नहीं था। भूखे पेट और ऊपर से तड़पती मां। आखिर परेशान होकर शहर में उनके लंबे समय से परिचित परिवार को बेटे ने फोन पर संपर्क किया। परिवार वालों ने संचिता की परेशानी को समझते हुए राहुल को कुछ पैसे और दवाई लेकर 9 जून को सुबह करीब तीन बजे के आसपास संचिता के कमरे में पहुंचा। संचिता का पति दीदार सिंह पहले से ही बाहर इस मौके की फिराक में था।
जैसे ही राहुल घर में अंदर आया दीदार सिंह ने तुरंत बाहर से कुंडी लगाकर शोर मचा दिया और पुलिस को बुला लिया। पुलिस भी तुरंत सूचना मिलते ही पहुंची। पुलिस ने भी देखा तो कमरे में दोनों बेटे, संचिता और जिस लडक़े पर अवैध संबंध के आरोप लगाए गए थे राहुल वह भी कमरे में मौजूद था।
इस चीज को पुलिस भी स्वीकार कर चुकी है कि मौके के हालातों के अनुसार कोई भी संदिग्ध परिस्थिति नहीं थी जो कि महिला के चरित्र पर शक किया जाए। इसी दौरान पूरे घटनाक्रम का दीदार सिंह वीडियो भी शूट करता रहा। इज्जत और शर्म के मारे और अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए संचिता चुप्पी साधे रही। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बाद में दीदार सिंह ने वायरल भी कर दिया।
हैरानी की बात तो यह है कि दीदार सिंह वीडियो में यह भी कह रहा था कि उसने संचिता के कैंसर के इलाज पर 40 लाख रुपये खर्चे हैं। मगर सोचने वाली बात तो यह है कि आखिर एक चालक ने 40 लाख रुपए का इंतजाम कैसे और कहां से किया। जबकि न तो उसके पास अपना मकान है और ना ही जमीन जायदाद।
इस पूरे घटनाक्रम की मौके पर जाकर जानकारी जुटाई। जब देखा कि कमरे में जैसा बयान उसके बेटे ने दिया था वह पूरी वारदात से मेल खाता है। कमरे में न तो कोई कुर्सी थी और न ही सोने के लिए कोई पलंग चारपाई आदि। रसोई में जो खाने पीने का सामान वगैरा संचिता ने इकट्ठा किया है उसके लिए उसकी बहन के द्वारा आर्थिक मदद की गई थी।
बहरहाल सवाल यह उठता है कि एक मजबूर महिला जिसकी शादी को 18 वर्ष हो चुके हैं और जो खुद कैंसर की लड़ाई लड़ रही है वह किसी व्यक्ति के साथ गुलछर्रे उड़ाने की नहीं सोच सकती।
संचिता का आरोप है कि उसका पति उस पर शुरू से ही शक करता है। घर में दाने-दाने को मोहताज रखता था। महिला का आरोप यह भी है कि वह अक्सर यह कहा करता था कि मैंने दूसरी बीवी रखनी है। इसको लेकर वह तरह-तरह के झूठे आरोप लगाकर मार-पिटाई भी किया करता था। महिला का यह भी आरोप है कि उसका पति उस पर गर्म पानी, गर्म सब्जी और कई बार उसे शारीरिक प्रताडऩा देता था।