एबीवीपी की बजह से पहुंचा यहां तक
कहा, युवा वर्ग हर क्षेत्र में काम कर बनाए नाम
हिमाचल दस्तक, वंदना। ऊना
विद्यार्थी परिषद के 40वें प्रांत अधिवेशन के दूसरे दिन उद्घाटन सत्र के लिए बतौर मुख्यतिथि पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विद्यार्थी परिषद के इस आधिवेशन के लिए जब निमंत्रण मिला तो मन किया कि जाना ही चाहिए। यह हमारा मूल है। यहीं से सीखकर आगे बढ़े है। आज हम जहां पहुंचे है उसमें अहम भूमिका है। आज भी याद है कि एक वक्त था जब हम भी अधिवेशन का हिस्सा होते थे। ज्ञान शील एकता का नारा लगाकर सड़कों पर घूमते थे। एबीवीपी के हर कार्यक्रम का हिस्सा लेते थे। एक लंबा संघर्ष एबीवीपी ने किया है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि दीवार लिखना, नारे लगाना, सड़कों पर उतर कर आंदोलन करना यह सब के दौर से हम भी गुजरे हैं। उन्होंने कहा कि मंडी में दीवार लेखन के लिए मैं प्रसिद्ध रहा हूं क्योंकि मेरी लिखाई अच्छी थी। इसलिए उन दिनों पैनल लिखने के लिए भी मुझे कहा जाता था और आज कई वर्षों बाद ऐसे सम्मेलन में पहुंचकर वह सब यादें व संस्मरण ताजा हो रहे हैं। पर अब हम राजनीति की फील्ड में आ गए हैं और इसी में काम करना है। यदि हम आप में आना भी चाहें तो आप भी हमें नही लेंगे।
मेरी आपस सब युवाओं से अपील है कि आप समाज के हर क्षेत्र में काम करें। किसी भी काम को छोटा बढ़ा न समझें। राजनीति एक क्षेत्र है, लेकिन अन्य क्षेत्रों में बहुत संभावनाएं हैं और काम करके संतुष्टि मिलेगी। युवा देश की उम्मीद हैं और उम्मीद को न टूटने दें। इस अवसर पर स्वागत समिति के अध्यक्ष पूर्व पुलिस उपमहानिरीक्षक आरएम शर्मा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित अन्य प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने एबीवीपी को राष्ट्रवादी संगठन बताया। स्वागत समिति मंत्री खामोश जैतक ने अतिथियों का आभार जताया। वहीं परिषद के पूर्व प्रांत अध्यक्ष डॉ. नितिन व्यास ने भी मुख्यमंत्री का अधिवेशन में पहुंचने पर स्वागत किया।
आरएसएस की प्रेरणा से बनी परिषद
मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों के बीच मे भी ऐसा संगठन होना चाहिए, जिसमें राष्ट्रभक्ति हो। आजादी के बाद आरएसएस के मार्गदर्शन में 9 जुलाई 1949 में एबीवीपी की स्थापना हुई। पहले तो कालेजों में ही एबीवीपी को जानते थे, लेकिन अब तो गांव-गांव घर घर पहचानते है। उन्होंने कहा कि शिक्षा निति कैसी हो, इस पर परिषद ने अहम योगदान दिया है। देश में समरसता लाने व शातिरों को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य परिषद द्वारा किया गया है। एक देश एक विधान का सपना भी सच हुआ है। आज परिषद देश नही ब्लकि विश्व का बड़ा संगठन है।
हिमाचल में अनेक हुए बलिदान
जयराम ने कहा कि हिमाचल में परिषद के कार्य को जब हम याद करते है तो सुनील उपाधयाय का भी नाम आता है। उन्होंने कहा कि जो दौर हमने देखा कि कुछ लोग तो जान की बाजी तक लगा देते है। हिमाचल चाहे छोटा प्रदेश है, लेकिन यदि देश मे मजबूत संगठन की बात आती है तो हिमाचल के नाम आता है। आज ऐसा कोई कैंपस नहीं है, जहां लड़ाई होती हो। पहले बहुत लड़ाइयां होटी थी लेकिन अब कम हुई है। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता हिमाचल में ही नहीं, बल्कि बाहरी राज्यों में भी संगठन का काम कर रहे है।
संगठन का आदेश ही फाइनल
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि आज एबीवीपी में बिताए दिन याद आ गए। हम भी इसी प्रकार की व्यवस्थाओं में लगे रहते थे। उन्होंने कहा कि संगठन पुरी प्रक्रिया से चलता है और संगठन का आदेश ही फाइनल होता है। जयराम ने कहा कि पटना में अधिवेशन हुआ और हमसे पुछा गया कि क्या पूर्ण कालिक कार्यकर्ता बनेंगे तो हमने दो वर्ष के लिए सहमति दी और इच्छा जताई कि हिमाचल में ही काम करूंगा। लेकिन अधिवेशन में मेरा नाम लिया गया और मुझे जम्मू कश्मीर में काम करने को कहा गया और अगले ही दिन हम जम्मू में अपने साथी महेंद्र पांडे के साथ दायित्व संभालने पहुंच गए।