सुभाष शर्मा। भोटा
हिमाचल वन विभाग हिमाचल प्रदेश सरकार के सहयोग से लोगों को बंदरों के उत्पात से बचाने के लिए समय-समय पर विभिन्न प्रक्रिया का सहारा लेता रहता है, जैसे कि नसबंदी, बंदरों की जनगणना इत्यादि। लेकिन वन विभाग व सरकार के इन प्रयासों को लोग खुद नजरअंदाज कर रहे हैं। इस प्रयास के तहत वन विभाग ने लोगों को बंदरों के उत्पात से बचाने के लिए व लोगों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखकर झिरालड़ी स्थित वन विभाग के दफ्तर में वानर आहार जमा कंेद्र खोला है व साथ में वानर भक्षण स्थल भी चिन्हित किया है।
वन विभाग के दफ्तर से सौ मीटर दूरी पर एक बोर्ड लगाकर लोगों से आग्रह भी किया है कि यहां बंदरों को कुछ भी खाने को नहीं डालें व बंदरों को खिलाने का सामान दफ्तर में जमा करवाएं। वन विभाग चिह्नित संकेतकों के माध्यम से लोगों से बंदरों को केवल प्राकृतिक आहार डालने का आग्रह भी करता है, लेकिन सरकार व वन विभाग के इन प्रयासों को विफल करने के पीछे आम जनता का जागरूक न होना है।
इसका साक्षात प्रमाण भोटा के समीप स्थित झिरालड़ी के जंगल में कभी भी देखा जा सकता है, इस स्थान पर लोगों की आस्था को ध्यान में रखते हुए विभाग ने वानर भक्षण स्थल व वानर आहार जमा कंेद्र भी स्थापित किया है व इस स्थान को दर्शाने के लिए व भक्षण के लिए चिह्नित स्थान को दर्शाने के लिए सूचना पट भी लगाए गए हैं, लेकिन इस सूचना पट पर लोगों का ध्यान ही नहीं है या फिर दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि वन विभाग केवल प्राकृतिक आहार को ही जमा करता है, जबकि लोग बंदरों को पैकेट बंद खाना जैसे ब्रैड इत्यादि भी डाल देते हैं।