जीवन ऋषि : धर्मशाला
कांगड़ा जिला में अकसर पशु पालक कृषक बकरी योजना के बारे में सवाल करते हैं। आखिर वे किसके पास आवेदन करके पैसे जमा करवाएं कि उन्हें उन्नत किस्म की बकरियां मिलें। इसके लिए क्या करना होगा। इन तमाम सवालों का जवाब जानने के लिए हिमाचल दस्तक ने धर्मशाला में पशु स्वास्थ्य एवं प्रजनन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर के आफिस का दौरा किया। डिप्टी डायरेक्टर संजीव कुमार धीमान ने इन सभी सवालों के जवाब दिए।
उन्होंने कहा कि पशुपालकों को सिर्फ नजदीकी वेटरिनरी डिस्पेंसरी में जाकर सादे कागज पर अर्जी देनी है। विभाग की और से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसमें दो जमा एक स्कीम के तहत दो बकरियां और एक बकरा दिया जाता है। इसके लिए पशुपालक को 11 हजार रुपये जमा करवाने होते हैं।
इसी तरह चार जमा एक स्कीम के तहत 22 हजार रुपये जमा करवाने होते हैं। वहीं दस जमा एक योजना के तहत 32 हजार रुपये लगते हैं। विभाग द्वारा पशुपालकों को बीटल, जमना परी और गद्दी नस्ल की बकरियां बांटी जा रही हैं।
विभाग ने उत्तराखंड से उन्नत नस्ल के 69 मेंढे मंगवाए हैं। ये मेंढे पशुपालकों को बांटे गए हैं। ये रैंबले नस्ल के हैं। इससे स्थानीय भेड़ों का नस्ल सुधार होगा। ऊना की पैदावार भी बढ़ेगी। प्रति 50 भेड़ों पर एक मेंढा दिया जाता है। इस पर 60 फीसदी सब्सिडी है
संजीव कुमार धीमान, डिप्टी डायरेक्टर, पशु स्वास्थ्य एवं प्रजनन।