हाईकोर्ट में डॉ. मुकुंद ने कहा, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट की सुविधा नाहन में नहीं
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : हिमाचल हाईकोर्ट ने आईजीएमसी के प्रिंसिपल डॉक्टर मुकुंद लाल के तबादला आदेशों पर फिलहाल रोक लगा दी है। सरकार ने 16 नवंबर को डॉक्टर मुकुंद का तबादला मेडिकल कॉलेज नाहन के लिए किया था। वरिष्ठ न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी और न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने डॉक्टर मुकुंद द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के पश्चात उपरोक्त अंतरिम आदेश पारित किए एवं प्रदेश सरकार से याचिका का जवाब तलब किया है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 16 नवंबर को डॉक्टर मुकुंद को आईजीएमसी से मेडिकल कॉलेज नाहन स्थानांतरित किया था और डॉ. रजनीश पठानिया को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त किया गया था। याचिका में दिए तथ्य के अनुसार इस स्थानांतरण आदेश से याचिकाकर्ता के कैरियर को प्रभावित किया गया है एवं तबादला नियमों को दरकिनार करते हुए किया गया है। प्रार्थी को 25 जून, 2019 को पदोन्नत कर इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला का प्रधानाचार्य नियुक्त किया गया था।
उस समय हिमाचल में इस तरह का कोई अन्य का पद नहीं था। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि यह स्थानांतरण आदेश डॉ. पठानिया को एडजस्ट करने के लिए पारित किए हैं। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि वह ज्वाइंट रिप्लेसमेंट में स्पेशलिस्ट हैं। जिसके लिए उन्होंने 2007 में जर्मनी से प्रशिक्षण लिया था एवं इसके चलते 1 हफ्ते में 6 से 9 रोगियों की सर्जरी करते हैं। इस सर्जरी के लिए आईजीएमसी में उपयुक्त सुविधाएं हैं, परंतु मेडिकल कॉलेज नाहन में नहीं। मामले पर अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी।