नई दिल्ली: कांग्रेस ने कर्नाटक के 17 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने संबंधी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय को उच्चतम न्यायालय द्वारा बरकरार रखे जाने के बाद बुधवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एवं मुख्यमंत्री बी एस एदियुरह्रपा पर तीखा हमला बोला और कहा कि प्रदेश की नाजायज सरकार को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।
पार्टी के संगठन महासचिव एवं कर्नाटक प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने यह दावा भी किया कि न्यायालय के फैसले के बाद अब एदियुरह्रपा मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं और ऐसे में राष्ट्रपति एवं भारत सरकार कर्नाटक की भाजपा सरकार को बर्खास्त करने के लिए तत्काल कदम उठाएं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, हम कर्नाटक में विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं। इससे कांग्रेस के रुख की पुष्टि हुई है। यह फैसला सत्ता की भूखी भाजपा के मुंह पर जोरदार तमाचा है जिसने विधायकों की खरीद-फरोख्त की साजिश रची।
वेणुगोपाल ने कहा, उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद बी एस एदियुरह्रपा ने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है। राष्ट्रपति एवं भारत सरकार को चाहिए कि वह कर्नाटक की भाजपा सरकार को बर्खास्त करने के लिए तत्काल कदम उठाए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एदियुरह्रपा सरकार को बर्खास्त करने और विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त के लिए चलाए गए ऑपरेशन कमल की जांच का साहस दिखा पाएंगे?
उन्होंने ट्वीट कर दावा किया, उच्चतम न्यायालय के निर्णय ने कर्नाटक में ऑपरेशन कमल के ढोल की पोल खोल दी। अब साफ़ है कि भाजपा ने जद(एस)-कांग्रेस की चुनी हुई सरकार को जबरन गिराया था। सुरजेवाला ने कहा, एदियुरह्रपा सरकार क़ानून और संविधान की दृष्टि से एक नाजायज़ सरकार है और उसे फ़ौरन बर्खास्त कर देना चाहिए। उन्होंने यह मांग भी की, जनमत और प्रजातांत्रिक मूल्यों की माँग है कि न केवल नाजायज़ एदियुरह्रपा सरकार बर्खास्त हो बल्कि विधायकों को धन बल के आधार पर खऱीद कर चुनी हुई सरकार गिराने के भाजपाई षड्यंत्र की भी जांच हो।
कांग्रेस नेता ने कहा, एदियुरह्रपा टैह्रस की जांच होनी चाहिए। ए सारा काला धन कहां से आया? भाजपा नेतृत्व की क्या भूमिका थी? उन्होंने सवाल किया, अब गेंद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पाले में है। क्या राजनीति की शुचिता की रोज़ दुहाई देने वाले मोदी जी अब नाजायज़ एदियुरह्रपा सरकार को बर्खास्त करने का साहस दिखाएँगे? क्या ऑपरेशन कमल की निष्पक्ष जाँच होगी? क्या एदियुरह्रपा और अमित शाह की भूमिका की जांच होगी?
सुरजेवाला ने यह भी पूछा, क्या आप अब भी इन भगोड़े विधायकों को भाजपा का टिकट देंगे, जिन्हें उच्चतम न्यायालय ने अयोग्य घोषित किया है? उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री जी, अगर आपने ए चार कदम नहीं उठाए तो राजनीति की गँगा को मैली करने की जिम्मेदारी सदा के लिए आपकी है। कांग्रेस प्रवक्ता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी कहा कि एदियुरह्रपा को पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, भाजपा की सरकार ने पैसे के बल पर लोकतांत्रिक मूल्यों को नष्ट करने का प्रयास किया है। उच्चतम न्यायालय के फैसले ने विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष के फैसले पर 95 फीसदी सहमति जताई है। इससे जाहिर है कि पूरे देश में आपरेशन कमल चल रहा है।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष द्वारा 17 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को बुधवार को बरकरार रखा लेकिन साथ ही विधायकों को पांच दिसंबर को उपचुनाव लडऩे की अनुमति भी दे दी।
न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का वह हिस्सा हालांकि हटा दिया जिसमें कहा गया था कि ए विधायक 15वीं कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने तक अयोग्य ही रहेंगे।