नई दिल्ली। करतारपुर कॉरिडोर के संचालन को लेकर भारत और पाकिस्तान ने वीरवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। दोनों ही देशों के अधिकारी जीरो प्वाइंट पर पहुंचे और समझौते पर हस्ताक्षर किए। नौ नवंबर को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कॉरिडोर का उद्घाटन करने वाले हैं। इससे पहले दोनों देशों के बीच बुधवार को इस समझौते को लेकर घोषणा की जानी थी, लेकिन तारीखों पर सहमति नहीं बन पाई थी। ऐसे में वीरवार 24 अक्तूबर को दोनों पक्षों ने मुलाकात कर समझौता मसौदे पर हस्ताक्षर कर दिए।
वहीं भारत अभी भी पाकिस्तान की ओर से श्रद्धालुओं से 20 डॉलर लेने के मसौदे पर सहमत नहीं है। हालांकि भारत के विरोध जताने के बाद भी पाकिस्तान श्रद्धालुओं से शुल्क वसूलेगा। वहीं भारत ने तीर्थयात्रियों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए समझौते पर हस्ताक्षर करने का फैसला किया है। बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था पांच नवंबर और दूसरा जत्था छह नवंबर को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती पर भारत से रवाना होगा।
गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने कहा है कि इस समझौते पर हस्ताक्षर के साथ, करतारपुर साहिब कॉरिडोर के संचालन के लिए एक औपचारिक रूपरेखा तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के भारतीय तीर्थयात्री और भारतीय मूल के व्यक्ति करतारपुर कॉरिडोर का उपयोग कर सकते हैं। यात्रा वीजा मुक्त होगी। तीर्थयात्रियों को केवल एक वैध पासपोर्ट ले जाने की आवश्यकता है।