चंद्रमोहन / राजीव भनोट। ऊना
वैश्विक महामारी कोरोना के बाद से दुनियाभर में काम-धंधे ठप हो गए हैं। ऐसे में कई भारतीय विदेशों में फंस गए हैं। कइयों ने तो भारत सरकार व अपने खर्चे पर वतन वापसी कर ली, लेकिन अभी भी कई भारतीय विदेशों में घुट-घुट कर जी रहे हैं। नौकरी के लिए गए लोगों को विदेशों में काम न होने के कारण दिनभर बेकार बैठकर समय गुजारना पड़ रहा है। अब हालात यह हो गए हैं कि सारे पैसे खर्च हो गए हैं और दो वक्त की रोटी के लिए मांग-मांग कर काम चलाना पड़ रहा है। ऐसा ही एक युवक कुवैत में फंसा हुआ है, जो कि जिला ऊना के बंगाणा उपमंडल के जसाणा गांव का है। जसाणा निवासी प्रदीप कुमार ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए केंद्र सरकार और प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से वतन वापसी की गुहार लगाई है। प्रदीप ने कहा कि अगर जल्द वतन वापसी न हुई, तो आत्महत्या करने जैसा कदम उठाना पड़ेगा।
सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में प्रदीप कुमार ने कहा कि हम 100 से अधिक लोग कुवैत में फंसे हुए हैं। हमारा वीजा खत्म हुए तीन माह से अधिक समय हो गया है। काम-धंधा बंद होने के कारण खाने-पीने की बहुत समस्या आ रही है। हमारे पास जितने भी पैसे थे, खत्म हो गए हैं। इतना ही नहीं घर से भी पैसे मंगवा दो वक्त की रोटी खा चुके हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में हमारे पास सुसाइड के अलावा कोई और रास्ता नहीं है।
उन्होंने कहा कि कुवैत में हिमाचल, पंजाब, यूपी व हरियाणा के लोग भी हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी कह रही है कि टिकट लेकर घर जाओ, लेकिन टिकट लेने के लिए पैसे नहीं हैं। प्रदीप कुमार ने बताया कि कई जगह घर वापसी की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी ने भी मदद नहीं की। एंबेसी में भी जाकर आए, लेकिन वहां पर भी नहीं सुनी। ऐसे में आखिरी आशा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से है।
कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि मामला हमारे ध्यान में है। इस बारे केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अवगत करवा दिया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न देशों में फंसे लोगों को वापस लाने का काम किया है। ठीक उसी प्रकार इन लोगों की वतन वापसी करवाई जाएगी।