राज्यपाल करेंगे शुभारंभ, सीएम 14 को करेंगे समापन
आत्मा सिंह। रामपुर बुशहर : प्रतिवर्ष 11 नवंबर को लगने वाले अंतरराष्ट्रीय लवी मेला का आगाज सोमवार से होगा। इस मेले का उद्घाटन महामहिम राज्यपाल करेंगे। मेले का समापन 14 नवंबर को होगा, जिसमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर होंगे। उल्लेखनीय है यह मेला भारत और तिब्बत के व्यापारिक संबंधों की याद दिलाता है।
करीब आठ सदी पहले तत्कालीन बुशहर रियासत के राजा केहर सिंह ने तिब्बत के राजा के साथ व्यापारिक संधि की थी जिसमें करार किया गया था कि काला कौवा सफेद नहीं होगा और सतलुज का पानी नीचे से ऊपर की ओर नहीं बहेगा, तब तक बुशहर और तिब्बत का व्यापारिक संबंध रहेगा। समझौते के अनुसार रामपुर में व्यापार के लिए तिब्बत से ऊन, पश्म और सूखी छास लाई जाती थी और यहां से तिब्बत के व्यापारी नमक व खाद्य पदार्थ स्टेट टाइम में यारकंद के घोड़े व गलीचे यहां आते थे। उसमें किन्नौर के नश्ल के चामुर्थी घोड़ों के अलावा सूखे मेवो का व्यापार होता था।
लेकिन समय के साथ साथ मेले पर आधुनिक रंग छाने लगा है अब मेले में इलेक्ट्रिक सामान के अलावा आलीशान गाडिय़ों की नुमाइश भी लगने लगी है। पुरातन समय में साल में तीन बार लवी मेला लगता था। लवी के बाद ढाल कहा जाता था जिसे लवी का समापन समझा जाता था। उस समय तिब्बत के व्यापारी सामान बेच कर वापस जाते थे जो करीब एक माह बाद मनाई जाती थी।
पहले लवी मेला तीन दिन का होता था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इसे अंतरराष्ट्रीय मेले का दर्जा देकर सात दिनों तक चलाने की घोषणा की थी तथा हर साल एक दिन मेला बढ़ाने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक यह घोषणा पूरी नहीं हो पाई। वर्तमान समय में चार दिनों तक रात को सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन होता है, जिसमें राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों के अलावा स्थानीय कलाकार भी अपनी प्रस्तुतियों से लोगों का मनोरंजन करते हैं।
नारकंडा पहुंचे राज्यपाल अफसरों से चर्चा
अंतराष्ट्रीय लवी मेले की लिए रवाना होते समय प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने रविवार को नारकंडा अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में पूछताछ की। इस दौरान एसडीएम शिमला, तहसीलदार कुमारसैन व तहसीलदार ननखड़ी भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि रामपुर बुशहर में लवी मेला शुरू हो रहा है। लवी मेले का शुभारंभ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की ओर से किया जाएगा।