बोले, नौकरशाह घोटाले के साक्ष्यों को कमजोर करने के लिए बना रहे दबाव
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : आयुर्वेद विभाग के खरीद घोटाले पर कर्मचारी महासंघ ने चिंता जताई है। घोटाले के अहम गवाह द्वारा अपनी जान को खतरा बताने पर महासंघ ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से मांग की है कि इस प्रकरण की जांच में छोटे कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, ताकि नौकरशाही की करतूतों का खमियाजा उन्हें न भुगतने पड़े ।
महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा है कि आयुर्वेद विभाग की बड़ी अनियमितताओं की जांच में जो कर्मचारी मुख्य गवाह हैं उनके लिखित बयान को कानून नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, चूंकि यह एक वित्तीय अपराध से जुड़ा मामला है जिसमें सरकार के दो बड़े नौकरशाहों की सीधी भूमिका है और यह नौकरशाह अब अपने बचाव में इस घोटालें के साक्ष्यों को कमजोर करने के लिए विभाग के अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को निशाना बनाने का काम कर रहे हैं, जिसे महासंघ कदापि बदार्शत नहीं करेगा।
नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल को फिर से खोला जाए
राजकीय अध्यापक संघ ने उठाई मांग , 80 प्रतिशत बच्चे छात्रवृत्ति से रह जाएंगे वंचित
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : राजकीय अध्यापक संघ ने नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल दोबारा खोलने की मांग की है। प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने शिक्षा मंत्री और प्रधान सचिव शिक्षा से मांग की है कि नेशनल स्कॉलरशिप प्री मैट्रिक व पोस्ट मैट्रिक के फार्म भरने की तिथि एनआईसी दिल्ली के द्वारा नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के माध्यम से 15 अक्तूूबर रखी गई थी जिसे अब बंद कर दिया गया है।
भारतवर्ष में कई लाखों बच्चे इन छात्रवृत्तियों का लाभ उठाते हैं जिसमें अभी तक पूरे देश से 20 प्रतिशत बच्चे ही नामांकन दर्ज करा पाए हैं। यदि यह पोर्टल नामांकन के लिए दोबारा से नहीं खोला जाता है तो 80 प्रतिशत बच्चे पूरे देश में विभिन्न छात्रवृत्ति से वंचित रह जाएंगे।
चौहान ने कहा केवल मात्र हिमाचल में ही डेढ़ लाख से अधिक बच्चे हर वर्ष इस छात्रवृत्ति का फायदा उठाते हैं। हिमाचल की बात की जाए तो अभी तक 45000 बच्चे ही अपना नामांकन दर्ज करा चुके हैं बाकी 105000 बच्चे हिमाचल में भी अभी तक नामांकित नहीं हो पाए हैं, हिमाचल प्रदेश में कुल 18000 इंस्टिट्यूशन है, जिसमें से अभी तक 8000 इंस्टिट्यूशन/स्कूल ही पोर्टल पर लिस्टेड हो सके हैं ।
इस तरह से लगभग 10,000 इंस्टिट्यूशन अभी भी नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर लिस्ट होने बाकी है जो कि एक बहुत ही चिंता का विषय है । संघ के अध्यक्ष ने इस मामले में शिक्षा विभाग में संबंधित अधिकारियों से बात की और उसके बाद एनआईसी दिल्ली के कार्यालय में भी इस संदर्भ में अपनी आपत्ति दर्ज की है ।