राजीव भनोट। ऊना
प्रदेश में पहली बार ऐसा गुनाह जेल में हो गया, जिसकी चर्चा प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर में सुर्खियां बिटौर रही है। इस अपराध ने जेल प्रशासन व पुलिस की नींद उड़ा दी है। ऊना की जेल में एक महिला गर्भवती होने के बाद गर्भपात भी करवा दिया गया। महिला कैदी की तबीयत खराब हुई, तब पूरे मामले से पर्दा उठा। जिसके बाद मामला उच्चाधिकारियों के ध्यान में आया और जांच शुरू कर दी गई। जेल विभाग ने इसकी जांच एआईजी शेर चंद सौंपी है, जिन्होंने बुधवार को ऊना पहुंचकर पहले दिन करीब 9 घंटे तक जांच पड़ताल की।
वहीं लंबे समय तक जेल अधीक्षक से इस पूरे मामले में बात कर मसले का समझने का प्रयास किया। जहां एक ओर जेल प्रशासन अपने जांच उच्च स्तरीय कर रहा है। वहीं, इस मामले में ऊना पुलिस ने पुलिस कर्मियों को लेकर जांच का जिम्मा एएसपी ऊना विनोद कुमार धीमान को दे दिया है, जिन्होंने पुलिस कर्मियों से इस मामले में जांच शुरू कर बयान दर्ज करने शुरू कर दिए हैं।
हालांकि पुलिस की प्रारंभिक जांच में सुरक्षा कर्मियों की किसी प्रकार की मिलीभगत सामने नहीं आ रही है, लेकिन एएसपी इस मामले में हर एंगल से पुलिस कर्मियों से जांच कर रहे हैं। बड़ा सवाल इस मामले में यह है कि महिला कैदी गर्भवती हुई, जिसकी जानकारी जेल प्रशासन को मिली।
इसके बाद जेल प्रशासन ने अपने स्तर पर महिला का गर्भपात करवाने का काम किया। तबीयत बिगडऩे पर पूरे मामले का खुलासा हो गया। अब सवाल यह है कि इस मामले में गर्भपात का फैसला क्यों किया गया और जब महिला कैदी गर्भवती हुई, तब इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को क्यों नहीं दी गई।