दो आला अफसरों को लगाई फटकार
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : इन्वेस्टर मीट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हिमाचल के दो अफसरों की बैठक की मीडिया ब्रीफिंग पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नाराजगी जाहिर की है। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार सुबह उन्होंने बाकायदा दोनों अफसरों को इस बारे में हिदायत दी और नाराजगी भी जताई। उनका कहना था कि इस बैठक की ब्रीफिंग नहीं की जानी चाहिए थी।
याद रहे कि मुख्यमंत्री की इजाजत से ही दोनों अफसर पीएमओ गए थे। दोनों ने इन्वेस्टर मीट को लेकर की गई तैयारियों के बारे में प्रधानमंत्री को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि एक साल से प्रदेश सरकार राज्य में निवेश लाने के लिए क्या प्रयास कर रही है। अधिकारियों ने संभावित निवेश की जानकारी भी दी। इस इन्वेस्टर मीट को लेकर प्रधानमंत्री ने कुछ सुझाव भी दिए। उन सुझावों को अमलीजामा पहनाने के लिए प्रदेश सरकार अलग से बैठक भी कर रही है।
इस बीच प्रधानमंत्री के सुझावों की तमाम बातें बाहर निकल गईं। यह सब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ठीक नहीं लगा। उन्होंने दोनों अफसरों को अपनी नाराजगी से अवगत भी करवा दिया। बहरहाल इस बात को लेकर राजधानी में दिनभर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। इसे लेकर कुछ और ही रंग देने की कोशिश भी की गई। बताते हैं बाद में स्पष्ट भी किया गया कि बात सिर्फ ब्रीफिंग को लेकर ही थी। इसके अलावा दूसरी बातें मनगढ़ंत हैं।
सरकार के हर फैसले में अफसरशाही हावी: महेश्वर
शिमला। प्रदेश कांग्रेस के महासचिव महेश्वर चौहान ने कहा कि प्रदेश में क्या राजनीतिक नेतृत्व खत्म हो चुका है। सरकार के हर फैसले में अफसरशाही हावी नजर होती आ रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री व मंत्री नहीं अपितु सरकार के आलाधिकारी प्रधानमंत्री व केंद्रीय मंत्रियों से बैठकें कर राज्य के लिए नीति निर्धारण कर रहे हैं। महेश्वर ने कहा कि सरकार ने उपचुनाव समाप्त होते ही अपना असली चेहरा दिखाना शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार ने चुनावों के तुरंत बाद पेट्रोल व डीजल पर वैट बढ़ाकर दीपावली का तोहफा जनता को दिया है। मुख्यमंत्री व मंत्री जश्न मनाने में व्यस्त हैं व राज्य का पूरा संचालन अफसरशाही के कंधों पर है।