वाशिंगटन : ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी सेना और गठबंधन बलों के कम से कम दो ठिकानों पर एक दर्जन से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं और कहा कि यह अमेरिका के ”चेहरे पर एक तमाचा” है। ईरान के सरकारी टेलीविजन ने कहा कि ये हमले अमेरिका के ड्रोन हमले में शुक्रवार को ईरान के रिवोल्यूशनरी गाड्र्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने का बदला लेने के लिए किए गए।
सुलेमानी को मारने का आदेश अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिया था। ईरान के सरकारी टेलीविजन ने मिसाइल हमलों में जहां ”कम से कम 80 आतंकी अमेरिकी सैनिकों” के मारे जाने का दावा किया, वहीं अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय भवन पेंटागन ने कहा कि वह नुकसान के आकलन पर काम कर रहा है। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के हिस्से के रूप में लगभग पांच हजार अमेरिकी सैनिक इराक में तैनात हैं। इराकी सेना ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर कुल 22 मिसाइलें गिरीं, लेकिन इराकी बलों का कोई कर्मी हताहत नहीं हुआ है।
ईरान के मिसाइल हमलों के कुछ देर बाद ट्रंप ने ट्वीट किया, ”सब ठीक है। इराक स्थित दो सैन्य (अमेरिकी) ठिकानों पर ईरान से मिसाइलें दागी गईं। नुकसान और हताहत होने का आकलन किया जा रहा है। अब तक सब ठीक है। निया में कहीं भी हमारे पास सर्वाधिक शक्तिशाली और सर्वसाधनयुक्त सेना है। मैं कल सुबह बयान दूंगा।” ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमनेई ने कहा कि हमले अमेरिका के ”चेहरे पर तमाचा” हैं।
उन्होंने सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित भाषण में कहा, ”कल रात, चेहरे पर एक तमाचा लगा।” अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप को संबंधित चीजों से अवगत कराया गया है और वह स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। पेंटागन के प्रवक्ता जोनाथन हॉफमैन ने कहा, ”हम शुरुआती युद्ध नुकसान आकलन पर काम कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि सात जनवरी को शाम लगभग साडे पांच बजे ईरान ने इराक में अमेरिकी सेना और गठबंधन बलों के खिलाफ एक दर्जन से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं।
व्हाइट हाउस प्रेस सचिव स्टीफनी ग्रिशैम ने कहा कि राष्ट्रपति को स्थिति के बारे में अवगत कराया गया है। उन्होंने कहा, ”इराक में अमेरिकी प्रतिष्ठानों पर हमलों की खबरों से हम अवगत हैं। राष्ट्रपति को जानकारी दी गई है। वह स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम से विमर्श कर रहे हैं।” हॉफमैन ने कहा कि हाल के दिनों में ईरान की ओर से खतरों से निपटने के लिए रक्षा विभाग ने अपने कर्मियों और साझेदारों की सुरक्षा के लिए सभी उचित कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा, ”क्षेत्र में अमेरिकी कर्मियों, साझेदारों और सहयोगियों की रक्षा और सुरक्षा के लिए हम सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।” व्हाइट हाउस के मुताबिक राष्ट्रपति ट्रंप ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हदम अल थानी से बात की और अमेरिका के साथ उनके देश की मजबूत साझेदारी के लिए शुक्रिया अदा किया। दोनों नेताओं ने इराक और ईरान में हालात पर चर्चा की।
ट्रंप ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को भी फोन किया और दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया तथा लीबिया में सुरक्षा हालात पर चर्चा की। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टागस ने कहा कि विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कुर्दिस्तान की क्षेत्रीय सरकार के प्रधानमंत्री मसरूर बारजानी को फोन किया और ईरान के मिसाइल हमलों की उन्हें जानकारी दी।