सियोल: उत्तर कोरिया ने मंगलवार को फिर एक बार ट्रंप प्रशासन से कहा कि उनके पास परमाणु वार्ता को बचाने का बेहद कम समय बचा है और यह अमेरिका पर निर्भर करता है कि उसे क्रिसमस पर उत्तर कोरिया से कौन सा उपहार चाहिए।
उत्तर कोरिया के वरिष्ठ राजनयिक के हवाले से यह बयान वाशिंगटन और सियोल पर दबाव बनाने के लक्ष्य से दिया गया है। दरअसल उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने समझौते में एक-दूसरे को स्वीकार्य शर्तों के लिए अमेरिका को एक साल का समय दिया था, जो अब समाप्त हो रहा है। फरवरी में किम और ट्रंप के बीच वार्ता असफल रही थी क्योंकि अमेरिका ने उत्तर कोरिया को आंशिक रूप से परमाणु कार्यक्रम बंद करने के बदले प्रतिबंध से बड़ी राहत देने से इनकार कर दिया था।
अक्टूबर में स्वीडन में वार्ता भी असफल रही थी, जिसे उत्तर कोरिया ने अमेरिकियों का पुराना रुख और रवैया बताया था। अमेरिकी मामलों को देख रहे उप विदेश मंत्री री थे सॉन्ग ने वाशिंगटन पर आरोप लगाया कि अमेरिका बिना किसी वास्तविक हल के वार्ता की बार-बार पेशकश करके बस समय लेना चाहता है।
सॉन्ग ने , अमेरिका द्वारा वार्ता की पेशकश डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) को बातचीत के लिए बाध्य करने और उसका इस्तेमाल अमेरिका में राजनीतिक स्थिति और चुनाव में करने की एक मूर्खतापूर्ण चाल के अलावा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा, अब जो किया जाना बाकी है, उसका विकल्प अमेरिका के पास है और यह पूरी तरह से अमेरिका पर निर्भर है कि उसे क्रिसमस का क्या उपहार मिलेगा?