वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल बोले, आरसीईपी से पीछे हटने का फैसला हिम्मतभरा, देशहित में स्टैंड लिया पीएम मोदी ने कई वस्तुओं का इंपोर्ट रोकने की है जरूरत
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। धर्मशाला : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हिमाचल की ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के मंच से बड़े संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार अब बाहर से आयात हो रही वस्तुओं की समीक्षा करेगी। कुछ क्षेत्रों में काफी खराब माल आ रहा है, जिस पर रोक लगाने की जरूरत है।
आसियान सम्मेलन में इसी वजह से पीएम मोदी ने आरसीईपी से पीछे हटने का फैसला लिया, जो हिम्मतभरा और देशहित में था। भारत का यह स्टैंड देश के किसानों को मजबूती देगा। वह धर्मशाला में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। पीयूष गोयल ने कहा कि पहली बार में इस तरह की मीट से 92000 करोड़ के एमओयू करना बड़ी सफलता है। हिमाचल देश का एक खूबसूरत और संपन्न राज्य है। देश में सबसे कम गरीबी यहां है। अन्य कई मानकों में ये राष्ट्रीय औसत से काफी आगे है। अब तक हिमाचल देशभर को अपने यहां होने वाले फल देता रहा है। अब समय आया है कि देश इस फल के बदले हिमाचल में निवेश से इस ऋण को चुकाए।
उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया कि हिमाचल में जयराम ठाकुर की अगुआई में एक ईमानदार और अच्छी सरकार काम कर रही है, जिसने नियमों और नीतियों में बदलाव कर निवेश का माहौल तैयार किया है। यहां का मौसम टूरिज्म के अनुकूल है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अपने यहां भी पुरानी समस्याओं को खत्म कर निवेश और व्यापार के लिए बेहतर माहौल बनाया है। हम हर मसले का रूट कॉज एनालीसिस करते हैं।
पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त सरकार में फैसले लेते हैं और उसके परिणामों पर फोकस करते हैं। उन्होंने हिमाचल सरकार को इस इन्वेस्टर मीट के लिए बधाई देते हुए नेल्सन मंडेला के वाक्य का उदाहरण दिया कि अभी तो एक छलांग मारी है, अभी आगे ऐसी और कई छलांगें अभी बाकी हैं। उनके साथ मंच पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर, उद्योगों के प्रतिनिधि, मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग मनोज कुमार आदि उपस्थित थे।
मिल्क सरप्लस पर वैल्यू एडिशन की जरूरत: श्रीधर
शिमला। भारत सरकार में डेयरी और पशुपालन के सचिव रहे तरुण श्रीधर ने कहा कि हिमाचल में इन दोनों क्षेत्रों में नई सोच के साथ काम करने की जरूरत है। वह शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के साथ फूड प्रोसेसिंग एवं डेयरी विकास से संबंधित सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे।
तरुण श्रीधर ने कहा कि राज्य में मिल्क की वैल्यू एडिशन नहीं हो रही। पूरे विश्व में दूध की खपत 270 ग्राम प्रति दिन प्रति व्यक्ति है। हिमाचल में ये खपत सबसे ज्यादा करीब 375 ग्राम प्रतिदिन प्रति व्यक्ति है। यहां सरप्लस मिल्क है, लेकिन ये ढाबों तक ही जाता है। इस क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग की जरूरत है ताकि किसान को अच्छा दाम मिल सके। इसी तरह मीट के उत्पादन पर भी ध्यान देने की जरूरत है। जम्मू-कश्मीर के पास हिमाचल से कम पास्चर लैंड है, लेकिन उनके यहां हिमाचल से ज्यादा भेड़-बकरियां हैं। इनकी संख्या को बढ़ाना होगा, क्योंकि मीट का कारोबार किसानों की आय को एकदम दोगुना कर सकता है।
गवर्नर ने भी हिमाचल की खूबियां गिनाईं , डेयरी और भेड़-बकरी पालन पर फोकस करने की जरूरत
धर्मशाला। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने इस ऐतिहासिक सम्मेलन को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की।
हिमाचल निवेश के लिए उपयुक्त राज्य है, जहां श्रमशक्ति और संसाधनों की कोई कमी नहीं है। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में सस्ती दरों पर निर्बाध बिजली उपलब्ध है, जो निवेशकों के लिए एक बड़ा आकर्षण है। इसके अलावा यहां निवेशकों को कई प्रकार के प्रोत्साहन भी प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता, बेहतर कानून-व्यवस्था, शांत वातावरण, सुशासन और मेहतनकश श्रमशक्ति उपलब्ध है। उन्होंने निवेश और विकास के लिए बहुत कम अवधि में एक अनुकूल माहौल तैयार करने पर भी मुख्यमंत्री को बधाई दी।
सर! बद्दी और पांवटा के लिए रेलमार्ग की घोषणा कर दो
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। धर्मशाला: सर बद्दी व पांवटा के लिए आप रेल मार्ग की घोषणा कर दीजिए। यह बात केंद्रीय रेलवे और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष बद्दी व पांवटा से आए निवेशकों ने कही।
पीयूष गोयल इन्वेस्टर मीट के दौरान आयोजित सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे। इस पर पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे को वर्ष 2014 में कांग्रेस कार्यकाल में की गई 1 हजार घोषणाएं मिली थीं, जो कांग्रेस द्वारा पूरी नहीं की गई थीं। गोयल ने कहा कि मैं अब पांच दशक वालों की श्रेणी में नहीं आना चाहता। उन्होंने जोड़ा कि रेलवे में कई प्रोजेक्ट्स 50 साल से लटके पड़े हैं, जिनकी सिर्फ घोषणाएं हुईं, धरातल पर उन्हें नहीं उतारा गया।
जबकि पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने वर्ष 2014 से अब तक विभिन्न रेलवे प्रोजेक्ट्स पर 1008 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। कांग्रेस राज की जो एक हजार घोषणाएं की गई थीं, उन्हें पूरा करने के लिए 20 लाख करोड़ की राशि चाहिए, ऐसे में स्पष्ट है कि कांग्रेस ने बिना बजट के रेलवे क्षेत्र में घोषणाएं कर दीं। उन्होंने कहा कि मोदी राज में रेलवे की दशा सुधरी है। रेलवे के बजट में भी इजाफा किया गया है, कांग्रेस राज में जहां कुछ करोड़ रेलवे पर खर्च किए जाते थे, वहीं मोदी सरकार ने इसमें इजाफा करके रेलवे के सफर को स्वच्छता भरा, सुरक्षित और आरामदायक बनाया है।
रेलवे को लेकर 1000 घोषणाएं मिली थीं: गोयल
धर्मशाला में कौशल संस्थान स्थापित करेंगे: बनर्जी
धर्मशाला। भारतीय उद्योग परिसंघ (नेशनल पार्टनर) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में देश के प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरने की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए सीआईआई धर्मशाला में एक कौशल संस्थान स्थापित कर रहा है।
हीरो समूह के अध्यक्ष राहुल मुंजाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में प्रदेश ने नए उद्योगों की स्थापना और मौजूदा इकाइयों के विस्तार के लिए एक ठोस नींव रखी है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा बनाई गई निवेशक अनुकूल नीतियों की भी सराहना की।