सीएम कार्यालय ने हटाया एमसीएच के शिलान्यास को, दूसरी बार शिलान्यास तय मामले को हिमाचल दस्तक ने प्रमुखता से उठाया था
राजीव भनोट। ऊना : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के टूअर प्रोग्राम में क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में एमसीएच सेंटर के दूसरी बार शिलान्यास के कार्यक्रम को रखा गया था, लेकिन ‘हिमाचल दस्तक’ समाचार पत्र ने इसी सेंटर के 2 साल पहले जेपी नड्डा व वीरभद्र सिंह द्वारा शिलान्यास करने को प्रमुखता से उठाया गया।
इसके बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एमसीएच सेंटर के शिलान्यास कार्यक्रम को रद करवाते हुए अच्छा निर्णय लिया है, जिससे राजनीति के साथ-साथ सरकारी स्तर पर भी एक बेहतर संदेश जाएगा। क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में अब मुख्यमंत्री सिर्फ पैरामेडिकल स्टाफ के लिए बनने वाले रिहायशी मकानों का शिलान्यास करेंगे, जबकि एमसीएच सेंटर के शिलान्यास कार्यक्रम को सीएम जयराम के नए टूअर प्रोग्राम को जारी कर हटा दिया गया है।
क्षेत्रीय अस्पताल प्रबंधन जो एमसीएच सेंटर के शिलान्यास की तैयारी कर रहा था, उसे भी जिलाधीश ऊना संदीप कुमार ने मुख्यमंत्री के निर्देशों से अवगत करवा दिया है, जिसके बाद क्षेत्रीय अस्पताल परिसर में आवासीय परिसर के ही शिलान्यास की तैयारी की जा रही है, जबकि एमसीएच सेंटर के शिलान्यास के लिए बनाए गए स्थान को कपड़े से ढक दिया गया है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बेहतर निर्णय के लिए जाने जाते हैं। ‘हिमाचल दस्तक’ ने इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया था कि 2 साल पहले केंद्र सरकार में उस समय के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एमसीएच सेंटर ऊना व अन्य जिलों के लिए स्वीकृत किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रस्तावित 2 दिवसीय प्रवास के दौरान एमसीएच सेंटर जो कि 20 करोड़ की लागत से बनना है और उसका टेंडर भी कर दिया गया है, के शिलान्यास को एक बार फिर से रखवा दिया गया और अधिकारियों ने पूर्व में जेपी नड्डा द्वारा किए गए शिलान्यास की बात को सरकार के समक्ष रखा ही नहीं, जिसके चलते नया शिलान्यास समझते हुए यह कार्यक्रम तय हो गया।
जब मुख्यमंत्री के ध्यान में पहले ही शिलान्यास होने की बात आई तो उन्होंने ऊना प्रवास शुरू होने से पहले ही इस कार्यक्रम को अपने टूअर प्रोग्राम से हटवा दिया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के इस निर्णय से जहां एक ओर अधिकारियों ने अब राहत की सांस ली है, वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्णय का राजनीतिक हलकों में स्वागत भी होने लगा है।
मंझे हुए नेतृत्व की सीएम ने दी झलक
जेपी नड्डा व वीरभद्र सिंह द्वारा किए गए शिलान्यास को नए सिरे से न करने का फैसला कर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एक मंझे हुए नेतृत्व की झलक दी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक बेहतर व साधारण नेता के रूप में पहचाना जाता है। मुख्यमंत्री राजनीति में सहजता से निर्णय करते हैं और वे अपने निर्णयों के लिए कई बार खासे पसंद भी किए गए हैं। एक बार फिर से मुख्यमंत्री ने सुलझा हुआ निर्णय लेकर साफ किया है कि वह सरकार व राजनीति दोनों को साफ रखना चाहते हैं और कहीं भी अनावश्यक विवाद को तरजीह नहीं देना चाहते। जयराम ठाकुर के इस निर्णय से जहां राजनेताओं को सीख लेनी होगी, वहीं अधिकारियों के लिए भी यह एक सबक है कि मुख्यमंत्री कार्यालय को सही स्थिति से अवगत करवाएं। फिलवक्त मुख्यमंत्री के निर्णय ने विवाद को शुरू होने से पहले ही खत्म कर दिया है।