रविंद्र चंदेल। हमीरपुर
सुजानपुर की बनाल पंचायत में सड़क बनाने के लिए रातों-रात सरकारी भूमि पर खड़े कई पेड़ों को धराशाई किया गया। इस कार्रवाई में 50 से ज्यादा पेड़ों की बली ली गई है, जिनमें 30 के करीब खैर के पेड़ बताए जा रहे हैं। इतना ही नहीं सबूतों को मिटाने के लिए रातों-रात यह पेड़ खैर माफिया के हवाले किए गए हैं।
कार्रवाई में खैर माफिया ने यहां से अधिकांश खैर के पेड़ उठा लिए हैं, जबकि अन्य बड़े पेड़ों को स्थानीय लोगों ने उठा लिया। जानकारी के मुताबिक यह सड़क मनरेगा के तहत 5 लाख से बनाई जा रही है, लेकिन सवाल उठता है कि जब यह सड़क मनरेगा के माध्यम से बन रही है, तो इसमें पेड़ों को गिराने के लिए जेसीबी मशीन का प्रयोग किस अधिकार के तहत किया गया है। बताया जाता है कि जेसीबी किसी प्राइवेट ठेकेदार से हायर की गई थी और रातों-रात करीब डेढ़ किलोमीटर के एरिया में तबाही मचाकर इस सड़क को निकाला गया है।
हालांकि इस कार्रवाई को हफ्ता भर पहले छुट्टियों के दौरान अंजाम दिया गया है। यह सड़क बल्याणा गांव से पुंग खड्ड की तरफ बनाई गई है। बनाल पंचायत की प्रधान की मानें तो यह सड़क मनरेगा के माध्यम से बन रही है और इसके लिए पंचायत की एनओसी भी ली गई है, लेकिन सरकारी भूमि की एनओसी का अधिकार पंचायत को कब और किसने दिया है। दूसरी ओर पेड़ों को गिराने की अनुमति पंचायत ने अपने स्तर पर कैसे दी है।
सड़क बल्याणा से पुंग खड्ड की ओर मनरेगा के माध्यम से बनाई गई है। सड़क को बनाने के लिए पंचायत की एनओसी भी है।
-कांता देवी, प्रधान ग्राम पंचायत बनाल।विभाग की तरफ से पेड़ों को धराशाई करने की कोई एनओसी नहीं दी है। इस मामले पर जांच के आदेश दिए जा रहे हैं। जांच पूरी होते ही
इस मामले पर कड़ी कार्रवाई
की जाएगी।
-एलसी वंदना,
डीएफओ हमीरपुर।