हमीरपुर की टीम का वॉकआउट, नहीं हो पाया पूरा मैच
अमित सूद। जोगिंद्रनगर : जोगिंद्रनगर कॉलेज में चल रही इंटर कॉलेज खो-खो प्रतियोगिता में जोगिंद्रनगर व हमीरपुर कॉलेज के बीच खेले जा रहे मैच में धक्का-मुक्की हो गई। इस कारण मैच पूरा नहीं हो सका। मैच के बीच में मैच रैफ री के साथ हुई धक्का-मुक्की के कारण मैच को बीच में रोक दिया गया। इससे हमीरपुर की टीम पूरा मैच खेले बिना मैदान छोड़ कर वॉकआउट कर गई। मैच का विजेता कौन होगा, इस पर अभी तक ज्यूरी द्वारा निर्णय लिया जाना बाकी था।
जोगिंद्रनगर व हमीरपुर के बीच खेले जा रहे फाइनल मुकाबले में दूसरे हाफ में यह सब घटित हुआ। हमीरपुर की टीम के मैच छोड़ कर बाहर जाने को लेकर भी ऑफि शियल की अपनी-अपनी राय है। मैच रैफ री संदीप कुमार ने बताया कि मैच के दूसरे हॉफ में बाहर के कुछ लोगों द्वारा उन पर गाली-गलौच करना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद ये लोग फील्ड में आ गए तथा उन्हेें धक्का-मुक्की तथा एक ने उन्हें पीछे से लात मार दी। इस कारण मैच को वहीं रोक दिया गया तथा हमीरपुर की टीम सुरक्षा की दृष्टि से मैच खेलने से इंकार करते हुए बाहर चली गई। उन्होंने कहा कि वस्तुस्तिथि बारे शिमला यूनिवर्सिटी को अवगत करवा दिया गया है, जो निर्णय होगा यूनिवर्सिटी द्वारा लिया जायेगा।
हमीरपुर टीम के कोच स्वर्ण राणा ने कहा कि वह गत चार साल से विनर हैं। जैसे ही वह बढ़त लेने लगे, तभी मैच में घटना घट गयी। उन्होंने कहा कि उनके लिए सबसे पहले छात्रों के हित जरूरी हैं। इसलिए वह आगे नहीं खेले। जो निर्णय होगा, वह उन्हें मंजूर है। उधर, जोगिंद्रनगर के क ोच रविंद्र कुमार ने कहा कि मैच रैफ री ने वेवजह मैच रोक दिया तथा हमीरपुर की टीम को चले जाने को कहा। उन्होंने कहा कि मैच को पुन: करवाया जा सकता था। लेकिन मैच रैफरी ज्यूरी के समक्ष पेश होने से पहले ही चल दिए।
हालांकि उन्हें कई बार बुलाया गया, लेकिन वह नहीं आए। हमीरपुर की टीम हार के डर के कारण चली गई। उधर जोगिंद्रनगर कॉलेज के प्राचार्य हरीश अवस्थी ने कहा कि जब यह घटना घटी तभी उन्होंने पुलिस को बुला लिया ताकि पुलिस की देखरेख में मैच हो सके। उन्होंने इस घटना को दुर्र्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि मैच रैफ री संदीप द्वारा घटना को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जा रहा है। वह मानते हैं कि मैच के दौरान बाहरी लोगों के हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए, लेकिन मैच को करवाया जा सकता था। लेकिन मैच रैफ री ने अपने ड्यूटी सही तरह से नहीं निभाई। वहीं, हमीरपुर की टीम चाहती ही नहीं थी कि आगे मैच खेला जाए।