अमित सूद। जोगिंद्रनगर
जोगिंद्रनगर उपमंडल की भराड़ू पंचायत में स्थापित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भराड़ू के साथ लगते एक दर्जन सफेदे के पेड़ भराड़ू गांव के लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। बताते चलें कि ये सफेदे के 12 पेड़ स्कूल के साथ लगती फॉरेस्ट की जमीन पर सड़क की ऊपरी तरफ उगे हैं।
इनमें से कुछ पेड़ खोखले हो चुके हैं और कभी भी तेज आंधी तूफान के चलते ये पेड़ यहां पर रहने वाले लोगों की जान के लिए खतरा बन सकते हैं। हालांकि इन पेड़ों को काटने की गांववासियों को वन विभाग द्वारा 1 साल पहले परमिशन मिल चुकी है, परंतु 1 साल बीत जाने के बाद भी वन विभाग व वन निगम द्वारा इन पेड़ों को अभी तक काटा नहीं गया है।
इस बारे में गांववासी मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर भी शिकायत दर्ज करवा चुके हैं, पर अभी यह समस्या जस की तस बनी हुई है। इसके चलते यहां पर रहने वाले लोगों में खौफ का माहौल है।
भराड़ू गांव निवासी समृत प्रकाश गुप्ता ने कहा कि उनका घर व उनकी दुकान सड़क के एक ओर स्थापित है। उन्होंने बताया कि वह पिछले 30 वर्षों से यहां पर अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन पेड़ों को काटने के लिए विभाग को कई बार गांववासियों द्वारा कहा गया, परंतु अभी तक इन पेड़ों को काटने की मंजूरी मिलने व बावजूद काटा नहीं गया है।
उन्होंने कहा कि इन पेड़ों से उनके व उनके परिवार के सदस्यों को हर पल खतरा बना हुआ है व सभी इस खतरे की जद में जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में अगर कभी भी पेड़ों के गिरने से यहां पर कोई भी हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार प्रशासन व वन विभाग होगा।
वन विभाग के डीएफओ राकेश कटोच ने बताया कि इन पेड़ों को काटने की परमिशन मिलने के बाद उनके द्वारा कॉर्पोरेशन को लॉट बनाकर भेजा गया था परंतु इन पेड़ों को काटने में कॉर्पोरेशन ने आर्थिक रूप से अपनी असमर्थता दिखाई, जिसके बाद उनके द्वारा इस विषय में वन विभाग के आला अधिकारियों से भी बात की गई है।
उन्होंने बताया कि इन पेड़ों को काटने के लिए एक बार फिर से टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे व कोशिश की जाएगी कि इन पेड़ों को जल्द ही काटा जाए ताकि यहां पर किसी भी प्रकार के जानमाल का नुकसान न हो।