हिमाचल दस्तक। परागपुर
उपतहसील परागपुर के तहत आने वाले ऐतिहासिक श्री कालीनाथ मंदिर कालेश्वर के समीप बहने वाली ब्यास नदी में पिछले सप्ताह अस्थि विसर्जन को लेकर पंडितों के दो गुटों में हुए विवाद का मामला पुलिस व प्रशासन के पास पहुंच गया था।
इसके पश्चात यह निर्णय लिया गया था कि बिना पंडित के भी कोई भी व्यक्ति यहां पर आकर अस्थि विसर्जन कर सकता है। हालांकि पुलिस व प्रशासन के इस निर्णय के बाद अस्थि विसर्जन करने आ रहे लोगों की भीड़ जरूर कम हुई है, परंतु ऐसी मान्यता है कि कालेश्वर हरिद्वार से जौं भर ऊंचा तीर्थस्थल है, जिसके कारण अस्थि विसर्जन बिना पंडित व विधि-विधान के होने से लोगों में भी रोष है।
मंदिर के मोहतमीम महंत स्वामी विश्वनंद ने प्रशासन से आग्रह किया है कि उक्त मामला हिंदू धर्म के लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है। इसलिए कोई ऐसा विकल्प निकाला जाए, जिससे कोई गुटबाजी भी न हो और न ही लोगों की भीड़ जमा हो।