राजेश कुमार : धर्मशाला
यूक्रेन और रूस के बीच जैसे ही युद्ध के बीच फंसे भारतीय मूल लगातार घर वापस आ रहे हैं। यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही धर्मशाला की काशिका महाजन भी अब घर वापस आ गई है। काशिका महाजन यूक्रेन की नेशनल मेडिकल कालेज पिरागोव बिनित्सा में एमबीबीएस के चौथे वर्ष की प्रशिक्षु डाक्टर है। धर्मशाला की रहने वाली काशिका अब घर वापस आ गई है। काशिका के पिता डॉक्टर अंबरीश महाजन केंद्रीय विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान स्कूल के डीन हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन बॉर्डर पर कड़ाके के ठंड के बीच काशिश के दो दिन वहां बिताए हैं।
बॉर्डर में रहने की तो दूर की बात खाने-पीने का भी कोई प्रबंध नहीं था। ऐसे में उन्हें फिर रोमानिया पहुंचाया गया। वहां पहुंच कर भी फ्लाइट की सुविधा नहीं थी। ऐसे में चार दिन काशिका रोमानिया में ही रही, लेकिन परिवार के साथ लगातार बातचीत हो रही थी। उन्होंने अपनी बेटी की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी अवगत करवाया। वहीं केंद्र सरकार की ओर से यूक्रेन से लोगों की वापसी को लेकर चल रही अभियान के तहत उनकी बेटी वापस आ गई है। यूक्रेन बॉर्डर एरिया में काशिका को कुछ चोटें भी आई हैं, बाकी वह पूरी तक सकुशल पहुंच गई है।
काशिका ने कहा कि उनकी पढ़ाई पूरी होने को अब फिर तीन माह शेष रह गए हैं। यूक्रेन की हालातों को देखकर कुछ सही नहीं लग रहा है। इसलिए उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग की है कि ऐसे विद्यार्थियों के लिए अपने ही वतन में कोई प्रबंधन किया जाए ताकि वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। अपनी बेटी की वापसी के लिए उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार के अलावा सीयू कुलपति प्रो. एसपी बंसल, प्रो. लोकेश ठाकुर, डा. विशाल सूद, डॉ. सुनील ठाकुर का आभार व्यक्त किया है।
5 बॉर्डर पर रहने और खाने-पीने का नहीं था प्रबंध