व्यक्तिगत आग्रह पर केंद्र सरकार ने वापस भेजा, 31 दिसंबर को कार्यकाल पूरा कर रहे हैं बाल्दी
राजेश मंढोत्रा। शिमला : हिमाचल कैडर के 1986 बैच के आईएएस अधिकारी अनिल खाची दिल्ली से लौट रहे हैं। उन्हें व्यक्तिगत आग्रह पर भारत सरकार ने हिमाचल कैडर में वापस भेज दिया है। खाची इसी साल 2 अगस्त को हिमाचल कैडर से भारत सरकार में डेपुटेशन पर गए थे। भारत सरकार ने उन्हें वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट का सेके्रटरी लगाया था।
इतनी जल्दी दिल्ली से लौटने के संकेत साफ हैं कि वह राज्य के अगले मुख्य सचिव हो सकते हैं। यहां वर्तमान मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी 31 दिसंबर को कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। यदि खाची न लौटते तो 1987 बैच के रामसुभग सिंह का वरिष्ठता के लिहाज से अगला नंबर था, लेकिन अब खाची के लौटने के बाद वह सीनियर मोस्ट होंगे। खाची और रामसुभग की रिटायरमेंट भी 2023 में साथ-साथ है। सूत्र ये भी बताते हैं कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चूंकि पहले पीडब्ल्यूडी और वित्त में खाची के साथ काम किया था, इसलिए वह पहले ही मन बना चुके हैं कि इस समय उनके अनुभव की जरूरत सरकार को है।
यही कारण है कि दोनों के बीच हुई वार्ता के बाद ही खाची ने दिल्ली से लौटने का आग्रह भारत सरकार से किया। पहले चर्चा थी कि डॉ. बाल्दी को मुख्य सचिव के पद शेष ञ्च पेज १३राजेश मंढोत्रा। शिमला हिमाचल कैडर के 1986 बैच के आईएएस अधिकारी अनिल खाची दिल्ली से लौट रहे हैं। उन्हें व्यक्तिगत आग्रह पर भारत सरकार ने हिमाचल कैडर में वापस भेज दिया है। खाची इसी साल 2 अगस्त को हिमाचल कैडर से भारत सरकार में डेपुटेशन पर गए थे। भारत सरकार ने उन्हें वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट का सेके्रटरी लगाया था।
इतनी जल्दी दिल्ली से लौटने के संकेत साफ हैं कि वह राज्य के अगले मुख्य सचिव हो सकते हैं। यहां वर्तमान मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी 31 दिसंबर को कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। यदि खाची न लौटते तो 1987 बैच के रामसुभग सिंह का वरिष्ठता के लिहाज से अगला नंबर था, लेकिन अब खाची के लौटने के बाद वह सीनियर मोस्ट होंगे। खाची और रामसुभग की रिटायरमेंट भी 2023 में साथ-साथ है।
सूत्र ये भी बताते हैं कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चूंकि पहले पीडब्ल्यूडी और वित्त में खाची के साथ काम किया था, इसलिए वह पहले ही मन बना चुके हैं कि इस समय उनके अनुभव की जरूरत सरकार को है। यही कारण है कि दोनों के बीच हुई वार्ता के बाद ही खाची ने दिल्ली से लौटने का आग्रह भारत सरकार से किया। पहले चर्चा थी कि डॉ. बाल्दी को मुख्य सचिव के पद पर सेवा विस्तार मिल सकता है, लेकिन खाची के लौटने के बाद अब ये संभावना भी कम है। खाची इससे पहले प्रदेश में अधिकांश विभागों के सचिव पद पर सेवाएं दे चुके हैं। डीसी कांगड़ा के रूप में उनके कार्यकाल को आज भी याद किया जाता है।
दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री से मिले थे खाची
सूत्र बताते हैं कि दिल्ली जाने से पहले खाची सीएम से भी मिले थे। उन्होंने बताया था कि किन परिस्थितियों में वह डेपुटेशन ले रहे हैं। आवेदन के समय ये साफ नहीं था कि बीके अग्रवाल दिल्ली जाएंगे। यदि वह नहीं जाते, तो न तो बाल्दी और न ही खाची का मुख्य सचिव बनने का चांस था। लेकिन उनके अचानक जाने से स्थितियां अचानक बदलीं और तब खाची के पास डेपुटेशन न लेने का विकल्प नहीं था। लेकिन वह सीएम से बोलकर गए थे कि यदि मुख्य सचिव की बात हो तो वह राज्य की सेवा करना चाहेंगे।
डेपुटेशन पर महाराष्ट्र गए कदम संदीप वसंत
हिमाचल कैडर के 2008 बैच के आईएएस अधिकारी कदम संदीप वसंत अब डेपुटेशन पर महाराष्ट्र गए हैं। उनके आग्रह को लंबे समय बाद स्वीकार करते हुए राज्य सरकार ने ये अनुमति दे दी है। उनकी जगहअब स्मार्ट सिटी धर्मशाला के एमडी एवं सीईओ का पदभार सरकार ने प्रदीप ठाकुर को दिया है। इसके अलावा भारत सरकार में गए आईएएस संजीव गुप्ता की अब गृह मंत्रालय में नियुक्ति हुई है। उन्हें भारत सरकार ने इंटर स्टेट काउंसिल सचिवालय में विशेष सचिव नियुक्त किया है।