अरुण नेगी। किन्नौर
जिला किन्नौर के अंदर सतलुज नदी किनारे दिन रात अवेध खनन हो रही है लेकिन सरकारी तंत्र पूरी तरह से मूक बनी हुई है। किन्नौर जिले के अंदर सतलुज नदी तट पर खनन माफिया खनन कानूनों को खुले आम तिलजली दे कर नदी तट पर बीना किसी रोक टोक के अवैध खनन कर रहे है लेकिन हैरानी है किन्नौर जिला प्रशासन पूरी तरह से मुक दर्शक बन कर तमाशा देखा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि शासन व प्रशासन अखिर क्यों खनन माफियाओं पर नकेल कसने में नकाम है। सतलुज नदी पर अवैध खनन होने से प्रति वर्ष सरकारी खजाने पर भी लाखों का चुना लग रहा है और खनन माफिया जम कर चांदी कुट रह है। बताते चले कि जिला मुख्यालय रिकांगपिओं के पास में ही शौंग ठोग करच्छम परियोजना निर्माण के लिए सतलुज नदी में बडी बडी मशीन डाल कर दिन रात अवैध खनन हो रही है परंतु कोई भी सरकारी विभाग नकेल कसने से कतरा रही है ऐसे में खनन विभाग और प्रशासन के कार्य प्रणाली पर सवाल उठने लगी है। इस बारे में एसडीएम कल्पा मेजर अवनिन्द्र शर्मा ने बताया कि एचपीपीसीएल के पास खनन पट्टा है है नही है इस की जांच के लिए जिला खनन अधिकारी को आदेश दी जाएगी और किसी भी प्रकार के अवैध खनन जिले में होने नही दी जाएगी।