टेकचंद वर्मा : शिमला
सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर शिमला में प्रदर्शन करने पहुंचे देवभूमि क्षत्रिय संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता अंत में आपस में ही उलझ गए। शिमला के बाइपास क्रॉसिंग पर प्रदर्शन के बीच संगठन के प्रदेशाध्यक्ष ने जब राजनीतिक दल बनाने की घोषणा की तो एक धड़ा आगबबूला हो गया। मौके पर देवभूमि क्षत्रिय संगठन दोफाड़ नजर आया। इससे सरकार को जरूर राहत मिल सकती है।
सवर्ण आयोग से जुड़ा इस तरह का प्रदर्शन सरकार के लिए सिरदर्दी बन चुका है। बुधवार को शिमला में सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर प्रदेश के विभिन्न जिलों से लोग शिमला पहुंचे हुए थे। शिमला के टुटीकंडी क्रॉसिंग पर संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा घंटों विरोध प्रदर्शन किया गया। विरोध प्रदर्शन के बीच संगठन के प्रदेशाध्यक्ष ने दोपहर एक बजे तक का समय दिया। इसमें साफ कर दिया गया कि अगर एक बजे तक मुख्यमंत्री उनसे वार्ता करने नहीं आते हैं तो प्रदर्शनकारी क्रॉसिंग से आगे कूच कर देंगे। इसके बाद दोपहर 2 बजे संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रूमित सिंह ने राजनीतिक दल बनाने का एलान कर दिया।
उन्होंने विधानसभा की सभी सीटों से चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी। प्रदेशाध्यक्ष के एलान करते ही वहां मौजूद संगठन के कई कार्यकर्ताओं को इसका विरोध करते हुए देखा गया। इनका कहना था कि वह राजनीति करने नहीं आए हैं। उन्हें अपना हक चाहिए। इसको लेकर वहां पर काफी समय पर जमकर बवाल होता रहा। सिरमौर से आए कार्यकर्ताओं ने इसका जमकर विरोध किया। इससे मौके पर काफी समय तक तू-तू, मैं-मैं का दौर चलता है।
एक समय यह बवाल काफी अधिक बढ़ गया था। कार्यकर्ताओं को आगे कूच करने की बात कह रहे थे। इस दौरान कुछ जिलों के कार्यकर्ता एक ओर दिखे, कुछ को इसका विरोध करते हुए देखा गया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि वे यहां पर अपने हक के लिए आए हैं। उन्हें राजनीति का कोई शौक नहीं है। बवाल को बढ़ता देखकर प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए मौके पर मौजूद पुलिस जवानों को ही उन्हें शांत करते देखा गया। ऐसे में मौके पर माहौल कुछ बदला नजर आया।
प्रदर्शन खड़ा कर गया बड़ा सवाल
शिमला में देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदर्शन को लेकर धारा-144 लगा दी गई थी। शिमला में एक बड़े प्रदर्शन की संभावना जताई जा रही थी। मगर जिस तरह से मौके पर राजनीतिक संगठन के एलान के बाद कार्यकर्ताओं को भड़कते हुए देखा गया तो इससे अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या भविष्य में संगठन एकजुट रहेगा।
कार्यकर्ताओं ने रुमित के खिलाफ भी लगाए नारे
बवाल बढऩे के बाद संगठन के कार्यकर्ताओं को भारी रोष में देखा गया। कार्यकर्ता इस तरह से नाराज दिखे कि उन्होंने संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रुमित ठाकुर के पार्टी बनाने के एलान के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कार्यकर्ता काफी समय तक प्रदेशाध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।