हिमाचल दस्तक। किन्नौर
जिला किन्नौर में आए दिन भू-स्खलन के मामले सामने आ रहे हैं जिसको लेकर जिला प्रशासन किन्नौर द्वारा एक और अहम कदम उठाया जा रहा है ताकि जिले में भूस्खलन से कोई बड़ा हादसा न हो।
जिला प्रशासन किन्नौर जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से जिले के भूस्खलन वाले चिन्हित स्थानों का मुआयना कराएगी, जिनमें पुरवणी झूला, टिंकू नाला, मलिंग नाला, रिब्बा नाला, पागल नाला, गर्म पानी टापरी, रल्ली, रुतरंग जैसे स्थानों पर सर्वे करवाया जाएगा।
जिला किन्नौर में जियोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीमें आएगी जिसमें एक टीम पता लगाएगी कि जिले के विभिन्न स्थानों पर भू-स्खलन की वजह क्या है। वहीँ जिले में भू-स्खलन वाले स्थानों पर अर्ली वार्निंग सिस्टम के लिए दूसरी टीम आईआईटी मंडी से आएगी, जिसकी एक प्रेजेंटेशन अगले हफ्ते होगी।
मंडी सहित देश के बाकी जगहों में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाया गया है, उसी तर्ज पर जिला किन्नौर के विभिन्न स्थानों पर अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने का प्रयास प्रशासन द्वारा किया जा रहा है।
सरकार द्वारा निर्णय लिया जाएगा कि यह अर्ली वार्निंग सिस्टम जिले में कितने जगह पर लगेगा। किन्नौर प्रशासन भी चिन्हित स्थानों पर अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने का पूरा प्रयास कर रहा है, ताकि भू-स्खलन के बारे में पहले ही पता लग जाए।
उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि जिला किन्नौर में भी भू-स्खलन के मामले बढ़ रहे हैं जिसको देखते हुए जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम को जिले के 15 विभिन्न स्थानों का मुआयना करने का के बारे में पत्र लिखा गया है।