50 फीसदी से कम रहा 31 विभागों का प्रदर्शन , लोक निर्माण विभाग और आईपीएच को मिलीं सबसे अधिक शिकायतें, समस्याएं सुलझाने में आईटी डिपार्टमेंट ने मारी बाजी
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : सीएम जयराम ठाकुर सरकार की मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन में बड़े सरकारी विभाग फिसड्डी साबित हो रहे हैं। पंचायतीराज से लेकर राजस्व विभाग और आईपीएच से लेकर पीडब्ल्यूडी जैसे बड़े विभाग बेहतर रिजल्ट देने में नाकाम रहे हैं। सरकार के कुल 31 विभागों का प्रदर्शन 50 फीसदी से कम पाया गया है। सितंबर महीने में सीएम जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन योजना शुरू की थी।
योजना का मकसद आम जनता की शिकायतों को दर्ज कर संबंधित विभाग के जरिये उनका समाधान करना है। इस योजना को आम जनता ने हाथों-हाथ लिया और एक माह की समीक्षा के बाद पाया गया कि इस अवधि में विभिन्न विभागों से जुड़ी समस्याओं को लेकर 64 हजार से अधिक कॉल आए। आंकड़ों पर गौर करें तो इस अवधि में लोक निर्माण विभाग तथा सिंचाई व जनस्वास्थ्य विभाग को सबसे अधिक शिकायतें मिलीं। लोक निर्माण विभाग के पास 2746 शिकायतें आईं।
इनमें से 867 को सुलझाने का दावा किया गया और 1879 एक तरह से लंबित हैं। यानी 1879 शिकायतों को दूर करने की प्रक्रिया जारी है। इस तरह लोक निर्माण विभाग का समस्याओं को सुलझाने का प्रदर्शन 50 फीसदी से काफी कम है। यह औसत 31.57 फीसदी है और विभाग का रैंक 30वां है। इसी तरह आईपीएच विभाग का भी यही हाल है। आईपीएच विभाग के पास कुल 1831 शिकायतें आईं। इनमें से 590 का समाधान किया गया और 1241 अभी सुलझनी बाकी हैं। शिकायतें सुलझाने का प्रतिशत 32 फीसदी है और इस विभाग का रैंक 29वां है।
आईटी और रेवेन्यू विभाग रहे सबसे आगे
टॉप पर रहने वाले विभाग की बात की जाए तो आईटी ने मुख्यमंत्री के सेवा संकल्प को पूरा करने की दिशा में सबसे बेहतर काम किया है। आईटी विभाग को मिली 98 शिकायतों में से 87 का समाधान किया गया। आईटी का रैंक पहला रहा है। इसी तरह दूसरे नंबर पर रेवेन्यू लैंड रिकॉर्ड डिपार्टमेंट रहा है। इस विभाग ने 147 में से 121 समस्याओं को सुलझाया है। फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग ने 286 में से 215 शिकायतों का निपटारा किया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन नंबर 1100 पर आम जनता किसी भी विभाग से संबंधित शिकायत या सुझाव सरकार को दे सकता है। इस योजना का मकसद प्रशासन को और अधिक सक्रिय तथा जवाबदेह बनाना है। मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी का कहना है कि अब तक मिली समस्याओं में से 60 फीसदी का समाधान किया गया है।
आयुर्वेद विभाग ने सुलझाईं केवल तीन समस्याएं
आयुर्वेद विभाग से जुड़ी 13 शिकायतों में से मात्र 3 का समाधान हुआ। कृषि विपणन बोर्ड का हाल और भी खराब है। शिकायतें बेशक 13 आईं, लेकिन समाधान सिर्फ 3 का ही हुआ। दंत चिकित्सा सेवाएं निदेशालय ने 11 में से केवल 1 शिकायत का समाधान किया। राजस्व विभाग ने 926 में से 405 शिकायतें दूर कीं। हायर एजुकेशन की 157 में से कुल 69 शिकायतों को सुलझाने का दावा किया गया।
एलिमेंटरी एजुकेशन से जुड़ी 138 में से 60 शिकायतों का समाधान हुआ। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 48 में से 20 शिकायतें दूर हुईं। वन विभाग को मिली 278 शिकायतों में से 96 सुलझाई गईं। एचआरटीसी से जुड़ी 486 शिकायतों में से 200 का समाधान हुआ। नगर निगम शिमला को लेकर आम जनता ने 76 शिकायतें कीं और निगम ने 30 का समाधान किया। शहरी विकास विभाग को एक महीने में लोगों की तरफ से 181 शिकायतें मिलीं और महज 56 का समाधान हुआ।