नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में उच्चतम न्यायालय ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को बुधवार को जमानत दे दी जिससे 105 दिन की हिरासत के बाद उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।
न्यायालय ने निर्देश दिया कि चिदंबरम उसकी अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जा सकते हैं। न्यायालय ने यह भी कहा कि वह मीडिया से बात नहीं कर सकते है और वह गवाहों को न तो प्रभावित करेंगे और न ही सबूतों से छेड़छाड़ करेंगे। न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय की पीठ ने पूर्व वित्त मंत्री को जमानत देने से इंकार करने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय का फैसला निरस्त कर दिया।
पीठ ने कहा कि 74 वर्षीय चिदंबरम को दो लाख रुपए का निजी मुचलका और इतनी ही राशि की दो जमानतें पेश करने पर रिहा किया जाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि हालांकि आर्थिक अपराध गंभीर किस्म के होते हैं लेकिन जमानत संबंधी बुनियादी न्याय शास्त्र वही है कि आरोपी को जमानत देना नियम है और इससे इंकार अपवाद है।
चिदंबरम द्वारा साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ किए जाने की संभावना से इंकार नहीं किए जाने संबंधी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलील के बारे में पीठ ने कहा, मौजूदा स्थिति में अपीलकर्ता न तो राजनीतिक ताकत है और न ही सरकार में किसी पद पर है, जिससे वह हस्तक्षेप करने की स्थिति में हो। इस स्थिति में पहली नजर में इस तरह के आरोप स्वीकार नहीं किए जा सकते। चिदंबरम को पहली बार आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था।
इस मामले में उन्हें शीर्ष अदालत ने 22 अक्टूबर को जमानत दे दी थी। इसी दौरान 16 अक्टूबर को ईडी ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले से मिली रकम से संबंधित धन शोधन के मामले में चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई ने 2007 में बतौर वित्त मंत्री चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड द्वारा 305 करोड़ रुपए के निवेश की मंजूरी दिए जाने में कथित अनियमितताओं को लेकर 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
इस बीच, कांग्रेस ने आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में पार्टी के वरिष्ठ नेता चिदंबरम को जमानत देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सच की आखिरकार जीत हुई। पार्टी ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया, सच्चाई की आखिरकार जीत हुई। सत्यमेव जयते। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता चिदंबरम को कई दिनों तक हिरासत में रखने को बदले की कार्वाई बताया।
गांधी ने ट्वीट किया, मैं खुश हूं कि उच्चतम न्यायालय ने उन्हें जमानत दी। मुझे पूरा भरोसा है कि वह निष्पक्ष सुनवाई में स्वयं को निर्दाेष साबित करेंगे। चिदंबरम के वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आदेश को संतुलित और व्यापक बताया और इसे मानवाधिकारों तथा संतुलित न्यायशास्त्र के पक्ष में बताया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा, न्याय में देरी, अन्याय है। जमानत काफी पहले ही मिलनी चाहिए थी। चिदंबरम के पुत्र और कांग्रेस सांसद कार्ति ने पिता को जमानत मिलने पर खुशी जताते हुए कहा कि आखिर 105 दिनों के बाद जमानत मिल गई।
भाजपा ने पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम को उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने पर बुधवार को कहा कि कांग्रेस नेता जमानत पर बाहर आने वालों के क्लब में शामिल हो गए हैं और धन शोधन मामले में पूर्व मंत्री को जमानत मिलने पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया भ्रष्टाचार का उत्सव मनाने का उदाहरण है। विपक्षी पार्टी पर चुटकी लेते हुए इस संदर्भ में भाजपा ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी का जिक्र भी किया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने अपने ट्वीट में कहा, कांग्रेस द्वारा भ्रष्टाचार का उत्सव मनाने का यह उदाहरण है। अंतत: चिदंबरम भी जमानत पर बाहर आने वालों के क्लब में शामिल हो गए।
उन्होंने कहा कि चिदंबरम उस क्लब में शामिल हो गए जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, रॉबर्ट वाड्रा, मोतीलाल बोरा, भूपेन्द्र हुड्डा और शशि थरूर आदि शामिल हैं। जमानत याचिका पर विचार के दौरान जांच एजेन्सी द्वारा सीलबंद लिफाफे में पेश दस्तावेजों के अवलोकन के बारे में पीठ ने कहा कि वह पहले ही यह व्यवस्था दे चुकी है कि यह जांच की कार्यवाही सही दिशा में चलने के बारे में आश्वस्त होने के लिए अदालत पर निर्भर करेगा कि वह ऐसे दस्तावेजों का अवलोकन करे या नहीं।
न्यायालय ने कहा कि शुरू में वह सीलबंद लिफाफे में पेश दस्तावेजों के अवलोकन के पक्ष में नहीं था लेकिन चूंकि उच्च न्यायालय ने इनका अवलोकन किया था, इसलिए शीर्ष अदालत के लिए इन पर गौर करना जरूरी हो गया था। फैसला सुनाने के बाद न्यायालय ने शीर्ष अदालत रजिस्ट्री को सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज ईडी को लौटाने के निर्देश दिए।