हिमाचल दस्तक। धर्मशाला
ट्रांस स्कलरेल फिक्सेशन आफ इंट्राओकुलर लैंस(टीएसएफ-आईओएल) विधि से पहली बार सरकारी अस्पताल में मरीज की आंख में लैंस प्रत्यारोपण किया गया है। यह पहल मोबाइल आई यूनिट धर्मशाला में हुई है, जिसका श्रेय यूनिट प्रभारी डा. मनु शर्मा को जाता है। डा. मनु शर्मा ने अपनी सहकर्मी डा. दीक्षा शर्मा के साथ सरकारी अस्पताल में इस तरह की विधि से लैंस प्रत्यारोपण का प्रयास किया, जो कि सफल रहा है।
जिला कांगड़ा में इस तरह की सर्जरी सरकारी अस्पताल में पहली बार की गई है। इस विधि से जिन मरीजों की आंखों में पहले किसी कारण लैंस न डाला गया हो, जैसे कि चोट के कारण जो सफेद मोतिया आता है, उसमें आंख का लैंस डालने वाला बैग डैमेज हो गया हो या सर्जरी के दौरान किसी कारण लैंस न डाला गया हो, इस नई तकनीक से लैंस प्रत्यारोपण किया जा सकता है।
डा. मनु शर्मा द्वारा अब तक 350 के लगभग मोतिया और जाले के आपरेशन किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिन नेत्र रोगियों की आंखों में पहले किन्हीं कारणों से लैंस न डाला गया हो, ऐसे मरीज मोबाइल आई यूनिट धर्मशाला में आकर अपना चैकअप करवा सकते हैं और यूनिट में हर तरह के आंख के आपरेशन निशुल्क किए जाते हैं। उधर सीएमओ कांगड़ा डा. गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि जिला में सरकारी अस्पताल में पहली बार इस तरह की सर्जरी की गई है। इसके लिए उन्होंने डा. मनु शर्मा को बधाई दी है।