शिमला:
राज्य परिवहन विभाग ने आम लोगों को परिवहन संबंधी विभिन्न सेवाएं प्रदान करने के लिए वेब आधारित सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से कोई भी व्यक्ति किसी भी स्थान से विभिन्न परिवहन सेवाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। इस प्रकार उन्हें परिवहन विभाग के कार्यालयों में आने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इससे न केवल काम जल्दी होगा, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगी।
परिवहन आयुक्त कैप्टन जेएम पठानिया ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से लोगों को घर-द्वार पर विभिन्न परिवहन सेवाओं का लाभ उठाने में सहायता मिलेगी। विभिन्न परिवहन सेवाओं के लिए राज्य सरकार ने लोकमित्र केंद्रों, जन सेवा केंद्रों को अधिकृत किया है, जिनके माध्यम से लोग विभिन्न सेवाओं के लिए आवश्यक शुल्क सहित ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि विभाग केसॉफ्टवेयर के माध्यम से जिन सेवाओं का लाभ उठाया जा सकेगा, उनमें स्वामित्व के स्थानांतरण, पता बदलने, पंजीकरण प्रमाणपत्र की प्रतिलिपि, आरसी में परिवर्तन, वाहनों के रूपांतरण, पंजीकरण के नवीकरण, अनापत्ति प्रमाणपत्र, स्वस्थता प्रमाणपत्र, रोड टैक्स अदायगी, स्पेशल रोड टैक्स अदायगी, नए अथवा प्रतिलिपि अथवा नवीनीकरण अथवा विशेष परमिट, गृह राज्य अधिकार पत्र, गूड्स नेशनल परमिट, नए अथवा नवीनीकरण अथवा प्रतिलिपि व्यापार प्रमाणपत्र, परमिट के प्रिंट, लर्नरज लाइसेंस, नए अथवा डुप्लिकेट ड्राइविंग लाइसेंस, ड्राइविंग लाइसेंस में नाम, पता अथवा अन्य इसी अतिरिक्त जानकारी में बदलाव, नए अथवा नवीनीकरण अथवा प्रतिलिपि कंडक्टर लाइसेंस आदि के लिए आवेदन शामिल हैं।
30 रुपये सेवा शुल्क लगेगा लोकमित्र केंद्र पर
परिवहन विभाग ने ये सेवाएं देने के लिए लोकमित्र केंद्रों के लिए फीस भी तय कर दी है। लोकमित्र केंद्र इन सेवाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन भरने पर सेवा शुल्क के रूप में 30 रुपये वसूल करेंगे, जबकि परमिट के लिए प्रति पृष्ठ 10 रुपये अतिरिक्त शुल्क देना होगा। इससे ज्यादा वसूली करने पर लोकमित्र केंद्र से ये सेवाएं वापस ले ली जाएंगी।
नए सॉफ्टवेयर से परिवहन सेवाएं देने के फैसले से जहां काम में पारदर्शिता एवं तेजी आएगी। वहीं भ्रष्टाचार की आशंका भी खत्म होगी। ये सेवाएं पूरे हिमाचल में ऑनलाइन ही दी जाएंगी।
-कैप्टन जेएम पठानिया आयुक्त परिवहन