राजीव भनोट, ऊना। सड़कों को सुरक्षित बनाने की प्रतिबद्धता को सशक्त बनाते हुए होंडा मोटरसाइकल एंड स्कूटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकार में परिवहन विभाग के सहयोग से एक नई पहल सड़क सुरक्षा जागरुकता प्रशिक्षण की घोषणा की।
अब से लर्नर लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार तथा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को ऊना के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में होण्डा के कुशल प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा।
ऊना में इस ऐतिहासिक सड़क सुरक्षा जागरुकता पहल के उद्घाटन के अवसर पर प्रदेश सरकार के परिवहन आयुक्त आईएएस कैप्टन जेएम पठानिया व ब्रांड एंड कंयुनिकेशन्स, होंडा मोटरसाइकल एंड स्कूटर इंडिया प्राईवेट लिमिटेड के उपाध्यक्ष प्रभु नागराज विशेष रूप से उपस्थित रहे। कैप्टन जेएम पठानिया ने युवाओं और बच्चों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरुक बनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि न केवल ऊना में बल्कि हिमाचल प्रदेश के अन्य जि़लों में भी इस तरह के प्रशिक्षण के माध्यम से मौजूदा एवं भावी राइडरों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है।
वहीं प्रभु नागराज ने कहा कि सड़क सुरक्षा भारत में एक बड़ा मुद्दा है। यह चिंताजनक है कि पिछले 5 सालों में हिमाचल प्रदेश में 15 हजार से अधिक सड़क दुर्घटनाएं रिकार्ड की गईं। एक जि़म्मेदार दोपहिया निर्माता होने के नाते हमारा मानना है कि सभी की सुरक्षा के लिए लोगों को सड़कों के सुरक्षित इस्तेमाल के बारे में जागरुक बनाना बहुत ज़रूरी है। इस प्रोग्राम के माध्यम से हम न केवल ऊना बल्कि अंब, गगरेट, बंगाणा व हरोली के नए एवं मौजूदा राइडरों तथा वाहन चालकों को जागरुक बनाना चाहते हैं।
हम उन्हें यातायात के नियमों, सड़क संकेतों एवं सड़क सुरक्षा के उपायों के बारे में शिक्षित करेंगे, ताकि वे भविष्य में सड़कों का इस्तेमाल पूरी जि़म्मेदारी से करें। इस अवसर पर ऊना कॉलेज प्राचार्य त्रिलोक चंद, आरटीओ एमएल धीमान, यशपाल रायजादा, राजेश पराशर सहित अन्य उपस्थित रहे।
देश का चौथा, प्रदेश का पहला है सेंटर
हिमाचल प्रदेश का यह पहला प्रशिक्षण संस्थान है, जो कि ऊना में खोला गया है जबकि इससे पहले भारत के रांची, कालीकट व विजयवाड़ा में होंडा द्वारा 3 सेंट्रल चलाए जा रहे हैं। देश में यह चौथा सेंटर खुला है, प्रयास यह है कि यदि यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहता है तो हिमाचल प्रदेश के हर जिला में इस प्रकार के प्रशिक्षण केंद्र लाइसेंस बनाने के लिए खोले जाएंगे, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।