- कांग्रेस के चार विधायकों की डिनर पार्टी में हुआ मंथन
- खुद को दावेदार प्रोजेक्ट कर रहे नेता की पार्टी
- सत्र समाप्ति के बाद डिनर के बहाने हुए इकट्ठे
मस्तराम डलैल: शिमला
विधानसभा बजट सत्र की समाप्ति के बाद कांग्रेस के चार विधायकों की होटल ओबरॉय सिसिल में आयोजित डिनर पार्टी की जबरदस्त चर्चा हो रही है। इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि इस पार्टी की मेजबानी खुद को सीएम का दावेदार बता रहे नेता ने की है। डिनर के बहाने फाइव स्टार होटल में पहुंचे इन विधायकों ने सियासी मुद्दों पर भी चर्चा की है। रोचक है कि चार विधायकों का यह डिनर केंद्र हाईकमान तक पहुंच गया है। सत्र के आखिरी दिन सदन के भीतर कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के विधायकों ने एमएलए इंस्टिट्यूशन को लेकर एकजुटता दिखाई थी। इसके बाद यह कयास जरूर लग रहे थे कि कांग्रेस अब एकजुटता के साथ सत्ता वापसी के लिए जोर लगाएगी या नहीं? खासकर पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद बैकफुट पर आई कांग्रेस के लिए हिमाचल में सरकार पर हमले के लिए कई चुनावी मुद्दे हाथ लगे हैं।
आउटसोर्स और कर्मचारियों के मुद्दे पर कांग्रेस के विधायक सत्तापक्ष पर जमकर निशाना साध रहे हैं। सदन के भीतर भी इस बार विपक्ष ने पहले के मुकाबले एकजुटता का संदेश जरूर दिया है। इसके चलते यह माना जा रहा है कि अब कांग्रेस चुनावों के लिए पूरी मजबूती से एकजुट होकर हमलावर होगी। इसी बीच सत्र समाप्ति के तुरंत बाद चार विधायकों का होटल ओबरॉय सिसिल में डिनर पर इकट्टा होना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि डिनर में कुल चार विधायक मौजूद थे और इनमें एक खुद को सीएम प्रोजेक्ट करने में लगे हैं। अन्य दो उनके कट्टर समर्थक बताए जाते हैं। जबकि तीसरे विधायक का प्रदेश की सियासत में कद्दावर स्थान है। चर्चा यह भी है कि कद काठी वाले इसी विधायक को अपने खेमे में शामिल करने के लिए यह डिनर डिप्लोमेसी आयोजित की गई है।
कांग्रेस विधायकों की इस मीटिंग को लेकर राज्य सरकार की खुफिया एजेंसियां भी डिनर डिप्लोमेसी के मायने तलाशने में जुट गई है। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के बीच ही इस डिनर की वजह ढूंढी जा रही है। हालांकि इस तरह की पार्टियां कोई बड़ी बात नहीं है। आमतौर पर विधायक आपस में गेट-टू-गैदर करते हैं। बावजूद इसके फाइव स्टार होटल में आयोजित इस डिनर पार्टी के पीछे सीएमशिप की लॉबिंग की चर्चा।