धर्म चंद वर्मा। मंडी
जन संपर्क अभियान के 7वें दिन शुक्रवार को बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति, ढाबन गांव की बैठक मस्त राम सैनी की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित हवाई अड्डा क्षेत्र में ज्यादातर आबादी नकदी फसलें उगाकर अपनी आजीविका कमा रहे हैं।
उन्हें यहां से विस्थापित कर कहां पुनर्स्थापित किया जाएगा, उसकी सरकार के पास कोई भी वैकल्पिक योजना नहीं है। इसके अलावा कृषि के आधुनिक उपकरण/ मशीनरी, ट्रैक्टर, आरा मशीनरी, जेसीबी मशीनें, ट्रक, टेम्पो आदि के व्यापार में जो लोग लगे हैं, वे बेरोजगार हो जाएंगे और उन्हें बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ेगा।
हरदेव सैनी ने कहा कि हिमाचल सरकार भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को पूरी तरह लागू नहीं कर रही है, पुनर्स्थापना और पुनर्निवास, रोजगार व बाज़ार भाव पर जमीन का मूल्य, जमीन के बदले जमीन, नौकरी देने की कोई नीति नहीं है और सरकार ने भूमि का मुआवजा अभी तक (फोर लेन) सर्कल रेट के अनुसार फेक्टर 1 लागू करके दिया गया है।
हमारे क्षेत्र में जमीन के सर्कल रेट इतने कम हैं कि जमीन कौड़ियों के भाव जाएगी। जिला प्रशासन द्वारा घोषित ढाबन गांव का सर्कल रेट 2.05 (सड़क से 100 मीटर बाहर) और 100 मीटर तक 11.20 लाख प्रति बीघा है, जबकि किसान 3-4 लाख प्रति बीघा नकदी फसलों से प्रति वर्ष कमा रहा है।
हमारी जमीन का बाज़ार भाव इससे कई गुना जयादा है और किसानो को अगर बेदखल किया जाता है तो इस रेट में हिमाचल में कही भी उपजाऊ जमीन नहीं मिलेगी। इसलिए हम मांग करते है कि प्रस्तावित हवाई अड्डे को गैर उपजाऊ जमीन पर बनाया जाए और लोगों से आह्वान करते हैं कि 1 मार्च की रैली में बढ़-चढ़ कर भाग लें।