धर्म चंद वर्मा। मंडी
जिला पुस्तकालय को 24 घंटे नहीं खोलने तथा इसमें बैठने की क्षमता को पहले की तरह यथावत नहीं करने के खिलाफ यहां अध्ययन करने वाले कॉलेज छात्रों का गुस्सा फूट गया है। बुधवार को कॉलेज छात्र पुस्तकालय के बाहर एकत्रित हुए और जिला प्रशासन से पुस्तकालय को 24 घंटे पाठकों के लिए खोलने के साथ-साथ पाठकों की कैपेसिटी को भी बढ़ाने की मांग की।
कोरोना काल में जिला पुस्तकालय भी स्कूल तथा अन्य संस्थानों की तरह बंद कर दिया गया था, लेकिन कोरोना का असर कम होने के साथ ही स्कूल व अन्य सरकारी कार्यालय खुल गए हैं। पुस्तकालय भी पाठकों के लिए खोल दिया गया है, लेकिन इसमें 50 फीसदी पाठकों को ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करने के उच्च अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अतिरिक्त पुस्तकालय के दरवाजे पहले जहां 24 घंटे पाठकों के लिए खुले रहते थे, अब सुबह 10 बजे से लेकर पौने 5 बजे तक ही पाठक पुस्तकालय में प्रवेश कर सकते हैं।
पुस्तकालय में आने वाले पाठक ललिता ठाकुर, शुभम,प्रकाश, रिंकू, भूपेश, जिवेश अमन आदि ने बताया कि जब स्कूली संस्थानों में पढ़ाई शुरू हो गई है तब शिक्षा विभाग को पुस्तकालय को भी 24 घंटे खोल देना चाहिए। परीक्षा सिर पर आ गई है। अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की भी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन पुस्तकालय में 24 घंटे सभी पाठकों को बैठ कर तैयारी करने की सुविधा नहीं मिल रही है। पुस्तकालय में 60 से अधिक पाठकों के एक साथ बैठने की क्षमता है लेकिन पुस्तकालय के अधिकारी करीब 40 पाठकों को ही बैठने की इजाजत दी जा रही है।