धर्म चंद वर्मा। मंडी
गर्मी की दस्तक के साथ ही शहरों और गांवों में पानी की क़िल्लत बढ़ जाती है। गर्मियों के दिनों में सुचारू रूप से पानी की उपलब्धता किसी भी सरकार के लिए चिंता का विषय होता है। ऐसे में जिला में जल शक्ति विभाग सूखे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
मंडी डिविजन की बात की जाए तो यहां पर 237 स्कीमें गांव और शहरों में पानी पहुंचाने का काम कर रही हैं। विभाग की मानें तो इनमें से 15 ऐसी स्कीमें हैं, जो सूखे से प्रभावित हुई हैं। इन स्कीमों में 25% तक पानी की कमी आई है, इनमें उपमंडल पनारसा की 8 व साइगलू की 7 स्कीम शामिल हैं।
जल शक्ति विभाग मंडी के अधिशासी अभियंता विवेक हाजिरी का कहना है कि जिन स्कीमों में पानी की कमी आई है, उन्हें लिफ्ट वाटर स्कीम से जोड़ा जा रहा है, वहीं जिन गांव में पानी की किल्लत रहती है उनमें हैंडपंप भी लगाए जा रहे हैं, ताकि गर्मियों में पानी की किल्लत दूर हो सके।
वही मंडी शहर व इसके साथ लगते क्षेत्रों में पानी की पहुंचाने की बात की जाए तो जल शक्ति विभाग 4 वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों का सहारा लिया जा रहा है। इन वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों में जिले के द्रंग हलके की चौहार घाटी के साथ लगते गांव सियागडी से 28 किलोमीटर तक बिछी पाइप लाइन से मंडी शहर को पानी पहुंचाया जा रहा है, ऊहल से पानी उठाने की यह योजना लगभग 85 करोड़ की लागत से तैयार की गई थी। जल शक्ति विभाग द्वारा सूखे की समस्या से निपटने के लिए अब इस स्कीम के माध्यम से भी गांव में पानी पहुंचाया जा रहा है।
जल शक्ति विभाग मंडी सहायक अभियंता भानु प्रताप सिंह पठानिया ने बताया कि कांगणीधार में 6.35 एमएलडी व 5.86 एमएलडी, मोतीपुर में 0.75, ढांगसीधार में 2. 3 एमएलडी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इन प्लांटों से रोजाना 14 मिलियन लीटर पानी छोड़ा जाता है।
उन्होंने बताया कि टारना में बनाए गए भंडारण टैंक से शहर के मध्य भाग को पानी सप्लाई किया जा रहा है। इसकी क्षमता 965000 लीटर है। शहर व साथ लगते गांवों को पानी पहुंचाने के लिए विभाग के शहर के विभिन्न हिस्सों में 21 भंडारण टैंक बनाए गए हैं, वहीँ पुरानी वाटर लिफ्टिंग स्कीम भी सुचारू रूप से काम कर रही है, ऊहल स्कीम में परेशानी आने या पानी की कम उपलब्धता होने पर विभाग द्वारा ब्यास नदी के तट पर बनी पुरानी वाटर लिफ्टिंग स्कीम से शहर को पानी पहुंचाया जाता है।