धर्म चंद वर्मा। मंडी
जन संपर्क अभियान के 6वें दिन वीरवार को बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति, कठयाल व छातरु गांव की बैठक निकू राम चौधरी पूर्व पंच की अध्यक्षता में हुई।
उन्होंने कहा कि हमारा बल्ह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से कृषि क्षेत्र रहा है और स्वतंत्रता से पहले यहां जो भूमि थी, वह राजा द्वारा स्थापित सामंतों, साहूकारों के पास थी, किसानों के लंबे संघर्ष के बाद 1966-67 में किए गए भूमि सुधारों के चलते जमीन पर किसानों का मालिकाना हक मिला।
इसी दौरान भंगरोटू में इंडो-जर्मन एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट आया। इसके चलते किसानों ने आधुनिक खेती की शुरुआत की और लगातार यहां का किसान वैज्ञानिक खेती को अपनाते हुए आगे बढ़ता गया, परंतु अब नकदी फसलें उगाई जा रही हैं, जिसमें मुख्य सब्जी उत्पादन है। टमाटर उत्पादन में सोलन जिला के बाद हिमाचल में दूसरा नंबर बल्ह (मंडी) का है।
रोजगार के अभाव में स्थानीय पढ़ा-लिखा नौजवान नकदी फसलें उगाकर अपना परिवार पाल रहा है। यहां जमीन के नीचे 10-12 फुट पर पानी उपलब्ध है और अति आधुनिक सिंचाई सुविधा का प्रावधान उपलब्ध है और किसान 3 से 4 फसल ले पाते हैं, इसे बचाया जाए।
अगर हमारी उपजाऊ जमीन प्रस्तावित हवाई अड्डे में चली जाएगी और आने वाले दिनों में बल्ह का नामोनिशान मिट जाएगा और बल्ह की जनता तबाह हो जाएगी। हम मांग करते हैं कि प्रस्तावित हवाई अड्डे को किसी दूसरी जगह बनाया जाए और इस क्षेत्र की रक्षा की जाए। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि 1 मार्च की रैली में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें।