धर्म चंद वर्मा। मंडी
सीटू से संबंधित रेहड़ी-फहड़ी मज़दूर यूनियन का त्रैवार्षिक सम्मेलन रविवार को कामरेड तारा चंद भवन मंडी में आयोजित किया गया। इसकी अध्यक्षता सीटू के ज़िला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने की। उनके साथ सीटू के ज़िला महासचिव राजेश शर्मा व गोपेंद्र शर्मा भी उपस्थित हुए।
इस दौरान सीटू मजदूर संगठन के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार मज़दूर विरोधी नीतियां लागू कर रही है। इसके चलते इस सरकार ने मज़दूरों के अधिकारों के सरंक्षण के लिए बने श्रम कानूनों को बदल दिया है और उसके बदले में चार नए श्रम कोड बना दिए हैं, लेकिन सभी मज़दूर संगठन इनको निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नए कोड के अनुसार सरकार की अब काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 करने की योजना है। स्थायी के बजाय अब फिक्स्ड टर्म रोज़गार दिया जाएगा जो कुछ समय के लिए ही होगा और नौकरी से निकालने का अधिकार कंपनियों को दे दिया गया है और मज़दूरों को मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा को भी समाप्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार सरकारी क्षेत्र के संस्थानों को पूंजीपतियों और बड़ी कंपनियों को बेचने में लगी हुई है।
पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस व खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ रहे हैं लेकिन केंद्र व राज्य सरकारें महंगाई रोकने में पूरी तरह फ़ेल हो चुकी है। इसके कारण आम गरीब जनता, मज़दूरों व किसानों का जीना दूभर हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो नए श्रम कोड लागू किए गए हैं उनके विरोध में 17 मार्च को विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।