विप्लव सकलानी। मंडी
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में शिवा बदार के थट्टा गांव से शुकदेव ऋषि मंडी शिवरात्रि मेले में पधारे हैं। शुकदेव ऋषि राजाओं के समय से ही मेले में आते हैं और राजा के बेड़े में ही विराजमान होते हैं।
मंडी जनपद के आराध्य देव कमरूनाग के बाद तीसरा स्थान शुकदेव ऋषि का माना जाता है। शुकदेव ऋषि के बजीर मोहन ठाकुर ने बताया कि शुकदेव ऋषि सैकड़ों वर्षों से शिवरात्रि महोत्सव में राज दरबार में परंपराओं को निभाने के लिए पहुंचते हैं।
शुकदेव ऋषि को बारिश का देवता माना जाता है। उन्होंने कहा कि जब कभी भी सूखा पड़ता है तो स्थानीय जनता शुकदेव ऋषि के दरबार में बारिश के लिए फरियाद करती है तो शुकदेव ऋषि इलाके में बारिश करवाते हैं।
जिनके पुत्र नहीं होता है, उन्हें पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद देते हैं। शुकदेव ऋषि अपने इलाके में किसी भी तरह की महामारी को नहीं फैलने देते हैं। वह इलाके में महामारी और किसी भी प्रकार की व्याधि आदि रोकने में सक्षम देवता माने जाते हैं।