खाद्य आपूर्ति विभाग ने 5 और 10 प्रतिशत किया निर्धारित, लगातार बढ़ते दामों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने उठाया कदम, विभाग ने जारी की अधिसूचना, ज्यादा मार्जिन लेने वालों पर होगी कार्रवाई
अरविंद शर्मा। शिमला : प्याज के बढ़ते दामों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने थोक व परचून के दामों पर मार्जिन तय कर दिया है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा तय किए मार्जिन में थोक विक्रेता प्याज के खरीद मूल्य पर 5 प्रतिशत और परचून में 10 प्रतिशत से अधिक मार्जिन नहीं ले सकेंगे। यदि थोक और परचून विक्रेता इससे अधिक मार्जिन लेते हैं तो इस पर विभाग कार्रवाई करेगा।
प्याज के दामों पर विक्रेताओं के मार्जिन को लेकर विभाग ने अधिसूचना भी जारी कर दी है और मार्जिन निर्धारित कर दिया है। वहीं इसकी जानकारी प्रदेश के सभी थोक व परचून विक्रेता एसोसिएशन को भी दे दी है। ऐसे में अब दोनों विक्रेताओं को उतना ही मार्जिन प्याज में लेना होगा जितना विभाग ने निर्धारित किया है। अधिसूचना के तहत थोक विक्रेता अपना 5 प्रतिशत मार्जिन लेकर परचून विक्रेता को देगा, लेकिन परचून यानी रिटेल पर प्याज बेच रहे खरीद मूल्य पर किराया, मार्केट फीस के ऊपर 10 प्रतिशत मार्जिन लेगा। उदाहरण के लिए यदि थोक में प्याज 80 रुपये है तो कुल मिलाकर प्याज की कीमत 90 रुपये तक जाएगी। वहीं विभाग प्याज के दामों के लिए सब्जी मंडियों को निरीक्षण भी शुरू करेगा।
शहरी क्षेत्र में 100, तो ग्रामीण क्षेत्रों में 120 रुपये किलो बिक रहा है प्याज
प्रदेश में प्याज के दाम नहीं गिर रहे हैं। बाजार में अच्छी क्वालिटी का प्याज 100 और हल्की कम क्वालिटी का प्याज 90 रुपये बना हुआ है। वहीं प्रदेशभर के जिलों में शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में अफगानी प्याज भी पहुंच गया है जिसकी कीमत 80 से 85 रुपये तक है, लेकिन यह प्याज किलो में मात्र तीन ही चढ़ रहे हैं। ऐसे में लोग इसे नहीं खरीद रहे हैं। अब विभाग के मार्जिन तय करने के बाद दामों में कितनी कमी आती है यह आने वाले दिनों में पता चलेगा।
प्याज के बढ़ते दामों व कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए सरकार ने प्याज के थोक पर 5 व परचून में 10 प्रतिशत मार्जिन तय कर दिया है। सरकार द्वारा निर्धारित मार्जिन ही अब विके्रताओं को लेना होगा। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
–आमिद हुसैन सिद्दिकी, निदेशक जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग